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Wednesday, 17 June 2015

इन तरीकों पर चल कर पा सकते है आप सफलता



1.  सफ़लता की बात सोचें, असफ़लता की बात न सोचें।  नौकरी में, घर में, असफ़लता की जगह सफ़लता के बारे में सोचें।  जब आपके सामने कोई कठीन परिस्थिति आए, तो सोचें "मै जीत जाऊँगा," यह न सोचें "शायद मै हार जाऊँगा।"  जब आप किसी से प्रतियोगिता करें, तो सोचें, "मै उसके जितना योग्य नहीं हू।"  जब अवसर नज़र आए, तो सोचें "मै यह कर सकता हू," यह न सोचें "मै इसे नही कर सकता।"  अपनी चिंतन प्रक्रिया पर इस विचार को हावी हो जाने दें, "मै सफ़ल होकर दिखाऊँगा।"  सफ़लता के बारे में सोचने से आपका दिमाग़ ऐसी योजना बना लेता है जिससे आपको सफ़लता मिलती है।  असफ़लता के बारे में चिंतन करने से आपका दिमाग़ ऐसे विचार सोचता है, जिन से आपको असफ़लता हाथ लगती है।

2.  अपने आपको बार-बार याद दिलाए कि आप जितना समझते है, आप उससे कहीं बेहतर है।  सफ़ल लोग सुपरमैन नही होते।  सफ़लता के लिए सुपर-इंटेलेक्ट का होना जरूरी नही है।  न ही सफ़लता के लिए किसी जादुई शक्ति या रहस्य मयी तत्व की आवश्यकता होती है।  और सफलता का भाग्य से भी कोई संबंध नहीं होता।  सफ़ल लोग साधारण लोग ही होते है, पर ऐसे लोग होते है जिन्हें अपने आप पर विशवास है, अपनी क्षमताओं पर विशवास है और जो मानते है कि वे सफल हो सकते है।  कभी भी, हाँ, कभी भी, खुद को सस्ते में न बेचें।

3.  बड़ी सोंच में विशवास करें।  आपकी सफ़लता का आकार कितना बड़ा होगा, यह आपके विशवास के आकार से तय होगा।  अगर आपके लक्ष्य छोटे होंगे, तो आपकी उपलब्धिया भी छोटी होंगी।  अगर आपके लक्ष्य बड़े होंगे, तो आपकी सफलता भी बड़ी होगी।  एक बात कभी न भूले! बड़े विचार और बड़ी योजनाएं अक्सर छोटे विचारों और छोटी योजनाओं से आसान होते है।

जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के चेयरमैन राल्फ जे. कॉर्डिनेर ने लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में कहा था, "… जो भी लीडर बनना चाहता है, उसे स्वयं के स्वयं की कंपनी के विकास की योजना बना लेनी चाहिए और इसका दॄढ़ निष्चय कर लेना चाहिए।  कोई भी किसी दूसरे व्यक्ति के विकास का आदेश नहीं दे सकता, कोई व्यक्ति दौड़ में आगे रहेगा या पीछे रह जाएगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी तैयारी कैसी है।  यह ऐसी चीज़ है जिस में समय लगता है, मेहनत लगती है और इस में त्याग की आवश्यकता होती है।  आपके लिए यह कोई दूसरा नहीं कर सकता।"

मिस्टर सार्डिनेर की सलाह में दम है और यह व्यावहारिक है।  इस पर चलें।  जो लोग बिज़नेस मैनेजमेंट, सेल्स लाइन, इंजीनिरिंग, धार्मिक संस्थाओं, लेखन, अभिनय और दूसरे क्षेत्रों में चोटी पर पहुँचते है वे निष्ठा और लगन के साथ आत्म-विकास की योजना पर चलकर ही वहाँ पहुँच पाए है।

किसी भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में - और यही इस वेबसाइट का लक्ष्य भी है - तिने बातें होनी चाहिए।  इसमें सामग्री होनी चाहिए - यानी क्या किया जाए।  दूसरी बात यह कि इसमें तरीक़ा होना चाहिए - यानी कैसे किया जाए।  और तीसरी बात यह की इसे एसिड टेस्ट में खरा उतरना चाहिए - यानी कि इससे परिणाम मिलना चाहिए।      

एकाग्रता का कैसे विकास करें ? - How to develop concentration?



जब हम अपनी पसंद की फिल्म देखने जाते हैं।  तब हम तीन घंटे उसी में आँख लगाए बैठे रहते है।  हम शायद ही जानते है कि या फिर जानने की कोशिश करते है कि हमारे पास में कौन बैठा है, कब उठकर चला गया है।  उसी तरह क्रिकेट मैच के दौरान खाना-पीना, सब कुछ छोड़कर ध्यान पूर्वक देखते रहते है और अपने आपको पूरी तरह से उसी में लगा देते है।  लेकिन यदि हम पढ़ाई कर रहे है, तो ध्यान हटने में ज्यादा समय नही  लगता।  अगर घर में संगीत बज रहा हो तो जैसे पढ़ाई से ध्यान हटाने का बहाना मिल गया हो और हमारा ध्यान तुरंत पढ़ाई से हट जाता है।

एकाग्रता का अर्थ है विषय में रूचि होना :-
     
किसी विषय को भली-भांति सीखना या समझना इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितने मात्रा में अपना ध्यान उस विषय में concentrate करते है और एकाग्रता इस बात पर निर्भर करती है कि हम उस विषय में कितनी रूचि ले रहे है।

इसे समझने के लिए हमें 'रुचि' को अच्छे ढंग से समझना होगा।  कल्पना कीजिए कि आपको पिछले सप्ताह हुई पार्टी के फ़ोटो दिए जाते है जिसमें आप भी शामिल है।

आप उन फ़ोटो में क्या देखेंगे ?
जाहिर है, उन फ़ोटो में आप अपनी फोटो देखने की कोशिश करेंगे।  ज्यादातर समय हमारी रूचि अपने आपको देखने में रहती है।  इसका मतलब जिस विषय में हम ज्यादा रूचि लेते है, उसमे एकाग्रता का पैमान भी अधिक होता है। हम उस विषय को जल्दी सीख़ लेते है जिस विषय में अपने आपको शामिल कर लेते है।

एक उदाहरण देखिए :-
एक स्मृति टेस्ट के दौरान,टीचर ७ वी कक्षा के विद्यार्थियों के दो समूहों (section) को प्राचीन मानव के विकास के बारे में पढ़ाया।
1 )  पहले section को कहानी इस प्रकार बताई-प्राचीन मानव गुफ़ा में रहा करता था।  उन्होंने दो पत्थरों को आपस में रगड़कर आग की ख़ोज की और वे पेड़ के पत्तो, जानवरों की खाल पहना करते थे।
2 )  teacher ने दूसरे section के विद्यार्थियो से अपने आपको आदि मानव सोचने के लिए कहा गया और उन्हें बताया -
" आप गुफ़ा में रहा करते थे।  आपने पत्थरों को रगड़कर आग की ख़ोज की।  आप शरीर में पत्तियां और जानवरों की खाल पहनते थे।"

सीख :-
दूसरे section के विद्यार्थियों ने पाठ जल्दी सीखा।  एक साल बाद वैसे ही ठीक उसी ढंग से कहानी को दोहरा (repeat) कर सके। 

Tuesday, 16 June 2015

सोनी ने किया बेहतरीन सेल्फी स्मार्टफोन Xperia C4 भारत में लाॅन्च



सोनी का 4G तकनीकी युक्त बेहतरीन सेल्फी स्मार्टफोन ‘एक्सपीरिया C4′ अब भारत में भी लाॅन्च हो गया है। कंपनी ने अपने पिछले महीने अपने वाटरप्रूफ स्मार्टफोन ‘एक्सपीरिया M4 एक्वा’ स्मार्टफोन के साथ इसे लान्च किया था। ‘एक्सपीरिया C4′ खासकर सेल्फी के शौकीनों के लिए बनाया गया है। भारतीय मार्केट में इस स्मार्टफोन की कीमत 29,490 रुपए तय की गई है। अगले हफ्ते यह ऑनलाईन शाॅपिंग पोर्टल्स और रिटेल स्टोर्स पर बिक्री के लिए आ जाएगा। यह स्मार्टफोन व्हाइट, ब्लैक और वाइब्रेंट मिंट कलर वेरिएंट में मिलेगा।

आपको बता दूँ कि एक्सपीरिया C4 को दो वेरिएंट में लाॅन्च किया है – ‘एक्सपीरिया C4′ और ‘एक्सपीरिया C4 ड्युअल।’ इनमें फर्क सिर्फ इतना है कि एक्सपीरिया C4 में सिंगल सिम लगती है और एक्सपीरिया C4 ड्युअल में दो सिम। बाकी दोनों के फीचर्स एक समान हैं।

खास क्या है?
Xperia C4 एक बेहतरीन सेल्फी स्मार्टफोन है। इसका कैमरा ही इसकी सबसे बङी ताकत है। इसके फ्रंट कैमरे में वाइड एंगल के साथ फ्लैश भी दिया गया है। वाइड एंगल कैमरा के कारण सेल्फी लेते समय ज्यादा लोग एक साथ कैमरा फ्रेम में आ सकते हैं। इस सेल्फी स्मार्टफोन के दोनों वेरिएंट्स में 25mm का वाइड कैमरा लेंस दिया गया है। इसके साथ ही फ्रंट कैमरा में इमेज स्टेबिलाइजेशन और रेड आई रिडक्शन फीचर दिया गया है।

Sony Xperia C4 के फीचर्स :-
* यह एक सिंगल सिम और ड्युअल सिम (दो वेरिएंट) 4G स्मार्टफोन है, जो एंड्राॅयड 5.0 लाॅलीपाॅप ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है।
* इसमें 5.5 इंच की IPS फुल HD डिस्प्ले स्क्रीन (1080×1920 पिक्सल रिजोल्यूशन के साथ) दी गई है।
* एक्सपीरिया C4 में 1.7 GHz का (64 बिट) मीडियाटेक MT6752 (काॅर्टेक्स-A53) ऑक्टा-कोर प्रोसेसर तथा ग्राफिक्स के लिए माली T760 GPU दिया गया है।
* साथ ही इसमें 2 GB रैम दी गई है।
* फोन में 16 GB इंटरनल मेमोरी दी गई है, जिसे माइक्रो SD कार्ड की मदद से 128 GB तक बढाया जा सकता है।
* इसके दोनों माॅडल्स में ड्युअल LED फ्लैश के साथ 13 मेगापिक्सल का ऑटोफोकस रियर कैमरा तथा 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। इनमें 25mm का वाइड कैमरा लेंस दिया गया है। फ्रंट कैमरा में इमेज स्टेबलाइजेशन और रेड आई रिडक्शन फीचर भी है।
* कनेक्टिविटी के लिए इसमें 2G, 3G, 4G इंटरनेट, Wi-Fi, ब्ल्युटूथ, GPS/aGPS, DLNA, NFC तथा माइक्रो USB जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
* फोन में 2600 mAh की दमदार बैटरी दी गई है, जो 12 घंटे और 47 मिनट का टॉकटाइम बैकअप और 682 घंटों का स्टैंडबाय बैकअप देती है।
* यह स्मार्टफोन का बाॅडी डायमेंशन 150.3 x 77.4 x 7.9 mm है। इसका वजन 147 ग्राम है।

माइक्रोमैक्स ने लॉन्च किया ‘नया स्मार्टफोन, जानें कीमत और फीचर्स



माइक्रोमैक्स ने अपनी कैनवास सीरीज के तहत एक और नया स्मार्टफोन ‘कैनवास ह्यू 2′ लॉन्च किया है। इसका माॅडल नम्बर A316 है। कंपनी ने इसकी कीमत 11,736 रुपए तय की है।  फिलहाल यह रिटेल मार्केट में नहीं आया है। हालांकि कंपनी ने अभी इस फोन को ऑफीशियली लाॅन्च नहीं किया है। 

Micromax Canvas Hue 2 के फीचर्स :-
* यह एक ड्युअल सिम 3G स्मार्टफोन है जो एंड्राॅयड 4.4.2 किटकैट ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है।
* इसमें 5 इंच की AMOLED HD डिस्प्ले स्क्रीन (720×1280 पिक्सल रिजोल्यूशन के साथ) दी गई है।
* इस स्मार्टफोन में 1.7 GHz का मीडियाटेक MT6582 क्वाड-कोर प्रोसेसर दिया गया है।
* साथ ही इसमें 2 GB रैम दी गई है।
* फोन की इंटरनल मैमोरी 16 GB है, जिसे माइक्रो SD कार्ड की मदद से 32 GB तक बढ़ाया जा सकता है।
* इस स्मार्टफोन में LED फ्लैश के साथ 13 मेगापिक्सल का ऑटोफोकस रियर कैमरा तथा 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है।
* कनेक्टिविटी के लिए इसमें 2G, 3G, ब्ल्युटूथ, Wi-Fi, GPS तथा माइक्रो USB जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
* इस स्मार्टफोन में 2000 mAh की नाॅन-रिमूवेबल बैटरी दी गई है, जो कंपनी के अनुसार 7 घंटे का टाॅकटाईम और 205 घंटों का स्टैंडबाय टाइम देती है।

15 हजार में मिलेगा एप्पल आईफोन



गैजेट्स के दीवानों के लिए खुशखबरी है। नए फोन की चाहत रखने वाले लोगों को एप्पल महज 15 हजार में उनकी चाहत पूरी करेगा। इस तरह एप्पल भारत के बाजार पर अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है। एप्पल अपना आईफोन-४ रिलांच करने जा रहा है। एप्पल आईफोन 4 का नया वर्जन भारत में कीमत 15 हजार रुपये में मिलेगा। यह कीमत लोगों के लिए अफोर्ड करने लायक है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे इसकी बिक्री में काफी तेजी आएगी। बताया जा रहा है कि एप्पल सैमसंग, मिक्रोमक्स और अपने अन्य प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने के लिए यह कीमत तय किया है। आपको बता दें कि इसके पहले वाले वर्जन की कीमत करीब 26 हजार 500 रुपये थी। एक खबर के मुताबिक एप्पल ने पिछले कई महीनों से आईफोन का उत्पादन बंद कर दिया था। बताया जा रहा है कि इसकी वजह इस नए वर्जन की रिलान्चिंग ही थी। गैजट्स के बाजार के विशेषज्ञ बता रहे हैं कि सैमसंग को किनारे करने के इरादे से इसे रिलान्च कर भारतीय बाजार में उतारा जा रहा है। 

Monday, 15 June 2015

एपल आइफोन 7 के फीचर्स लीक, कर्व्ड होगा एपल का नया आइफोन 7



आईफोन 6 और 6 प्लस की सफलता के बाद एप्पल अपने अगले आईफोन डिवाइस की लॉन्चिंग पर काम कर रही है। संभव है कि यह स्मार्टफोन एप्पल का अब तक का सबसे पावरफुल स्मार्टफोन हो। ऐसे में इसके नाम, फीचर्स, कीमत और लॉन्चिंग डेट के बारे में अफवाहें फैलनी शुरू हो गई हैं। बता दें कि आईफोन 6 कंपनी का बेस्टसेलिंग मोबाइल डिवाइस रहा है।

आपको बताते चलें कि हर साल सितंबर में ही एप्पल आईफोन लॉन्चिंग इवेंट होता है। वेबसाइट Know your mobile की मानें तो आईफोन 7 और 6c इस साल लॉन्च होंगे। इसके अलावा, कुछ समय पहले फ्यूचर सप्लायर नाम की एक वेबसाइट ने आईफोन 6s के फोटोज लीक किए थे और दावा किया था कि नया आईफोन 6s इस साल लॉन्च होगा। नए आईफोन कैसे होंगे और क्या नाम होगा इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं
है। अफवाह यह भी है कि कंपनी अपने इस नए स्मार्टफोन में अन्य स्मार्टफोन्स से बड़ा डिस्प्ले देने की तैयारी में है। बता दें कि इसमें 5.5 इंच का डिस्प्ले हो सकता है।

iPhone 7 में क्या होगा खास :-
कर्व्ड हो सकता है आईफोन 7 : आईफोन 7 के बॉडी फीचर की बात करें तो इसकी बॉडी कर्व्ड हो सकती है। बता दें कि इसके पहले सैमसंग ने भी आपने गैलेक्सी S6 को कर्व्ड शेप में लॉन्च किया था। जानकारों की मानें
तो आईफोन 7 में फ्लेक्सिबल डिस्प्ले दिया जाएगा। बीते साल लॉन्च हुए आईफोन 6 का डिजाइन आईफोन के दूसरे स्मार्टफोन की तरह ही था। हालांकि, ये सैमसंग के गैलेक्सी S6 की तुलना में ज्यादा बेहतर था। ऐसे में उम्मीद है कि एक बार फिर आईफोन 6S या 7 एल्युमिनियम प्रीमियम डिजाइन में आ सकता है।
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Sapphire glass से बनेगा डिस्प्ले : खबर है कि कंपनी आईफोन 6s या 7 में 5.5 इंच
का डिस्प्ले दे सकती है जो QHD (20000 पिक्सल) रेजोल्यूशन क्वालिटी देगी। नए एप्पल आईफोन 7 में यूजर्स शानदार कैमरा चाहते हैं। ऐसा संभव है कि इस नेक्स्ट जनरेशन मोबाइल में 13 मेगापिक्सल या 16 मेगापिक्सल कैमरा सेंसर के साथ आए। अगर खबरों की मानें, तो एप्पल दो लेंस कैमरा ला सकता है, जो DSLR क्वालिटी की इमेज निकालेगा।

बेहतर हो प्रोसेसर : उम्मीद है कि नया म आईफोन A8X प्रोसेसर के साथ लॉन्च हो म सकता है। बीते साल एप्पल ने iPad एयर 2 को A8X प्रोसेसर के साथ लॉन्च किया था। दरअसल, A8X प्रोसेसर 1.5GHz की तुलना में ज्यादा तेज होता है। वहीं, ऐसा भी माना जा रहा है कि iPhone 6S या 7 में 2GB रैम हो सकती है।

iOS 9 ऑपरेटिंग सिस्टम : एपल के नए ऑपरेटिंग सिस्टम iOS 9 के सितंबर तक रिलीज होने की संभावना नहीं है। इसके बाद भी नए आईफोन में एप्पल का लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम iOS 9 आ सकता है।।वैसे, iOS 8 इस गर्मी में WWDC के साथ आ सकता है।

कंपनी अपने इस नए स्मार्टफोन को इसी साल मार्केट में लॉन्च करेगी। जानकारों का मानना है कि सितंबर में कंपनी के इवेंट में आईफोन 7 और 6s को लॉन्च किया जा सकता है। आईफोन 6s या 7 के 32GB वेरिएंट की कीमत 56,000 रुपए रखी जा सकती है, जबकि 64GB वेरिएंट वाले नए आईफोन की कीमत 61,000 रुपए और 128 GB वेरिएंट की कीमत 66,000 रुपए होने के कयास लगाए जा रहे हैं। खबरों की मानें तो आईफोन 6s या 7 प्लस की कीमत 65,000 रुपए से शुरू होगी। इसे भी 3 वेरिएंट्स में लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, अभी कीमत को लेकर भी कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है।

iPhone 5C बंद हो सकता है?
पिछले साल, नवंबर 2014 में एप्पल ने iPhone 5C का निर्माण 2015 के लिए बंद कर दिया। वहीं, पिछली रिपोर्ट की मानी जाए तो अब iPhone 5C को बंद कर दिया जाएगा

भारत में बनेगा ! अगला एपल आईफोन



नई दिल्ली. एपल का अगला आईफोन चीन नहीं, बल्कि भारत में बनेगा और ऎसा 2020 तक संभव होगा. दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन भारत में अपने 10 से 12 फैक्ट्रियां और डाटा सेंटर लगाने जा रही है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत यह कंपनी देश में अपने प्लांट लगाने जा रही है.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट

ये हैं रोजाना योगा करने के फायदे



योग से व्यक्ति अपनी अंतर्निहित शक्तियों को संतुलित रूप से विकसित कर सकता है. साथ ही योग पूर्ण स्वानुभूति कराने के साधन भी प्रदान करता है.

आज योग मात्र आश्रमों, साधु-संतों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पिछले कुछ दशकों में इसने हमारे दैनिक जीवन में अपना स्थान बना लिया है और दुनियाभर में इसके प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है तथा इसे स्वीकार भी किया है.

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान सहित औषधि विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के विशेषज्ञों ने रोग निवारण, रोगों को कम करने और स्वास्थ्य के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने में इन विधियों की भूमिका की सराहना की है.

तनाव से मुक्ति
दरअसल, योग का अभ्यास मानसिक और शारीरिक विकारों अथवा रोगों से बचने और व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार लाने और तनावपूर्ण स्थितियों को सहने के लिए किया जाता है.

सबसे पहले ज़रूरी है कि हम अपनी श्वास के प्रति सजग हो जाएं. श्वास-प्रश्वास ऐसी प्रक्रिया है जो जन्म से लेकर मृत्यु तक इस शरीर से जुड़ी है.

मुख्यत: हमें श्वास-प्रश्वास की प्रक्रिया में सुधार लाना है. इसे हम दो भागों में बाँट सकते हैं.

पहला पूरक अर्थात श्वास लेना और दूसरा रेचक यानी श्वास छोड़ना.

योगाभ्यास करने से पहले मुख्य तौर पर सुनिश्चित कर लें कि आपका पेट खाली हो. भोजन करने के तीन घंटे बाद योगाभ्यास करना चाहिए.

अगर आपने नाश्ता या हल्का-फुल्का कुछ खाया है तो भी दो घंटे का अंतर ज़रूरी है. चाय आदि के आधे घंटे के बाद ज़रूर कुछ हल्का अभ्यास किया जा सकता है.

समय सुबह का हो तो बहुत बढिया, क्योंकि शौचादि से निवृत होने के बाद पेट खाली होता है तथा मन मस्तिष्क पूरी तरह शांत होते हैं. जो भी अभ्यास आप करेंगे, वे आपको शत-प्रतिशत लाभ देंगे.

कपड़े आपके ढीले-ढाले हों, मौसम के अनुकूल हों ताकि आप तनावमुक्त होकर योग का अभ्यास कर सकें.

साथ ही यह भी ख़्याल रखें कि वातावरण शांत हो, साफ-सुथरा हो, हवा शुद्ध और पर्याप्त हो. योगाभ्यास करने से पहले एक कंबल दोहरा कर बिछाएँ ताकि अभ्यास करने में असुविधा न हो.



पटना के सौरभ ने ढूंढे काली चाय के नए गुण



एक बार फिर बिहारी प्रतिभा ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर सूबे का नाम रौशन किया है। पटना में जन्मे और पले-बढ़े सौरभ दयाल ने अपनी प्रतिभा का लोहा ब्रिटेन को मनवाया है । सौरभ ने यूनिवर्सिटी ऑफ ड्यून्डी के न्यूरोसाइं स इंस्टीट्यूट के शोध दल में शामिल होकर अनूठे खोज को अंजाम तक पहुंचाया है। उनकी खोज के अनुसार, काली चाय में एंटी-डायबिटिक और एंटी-एजिंग गुण होते हैं । यही नहीं शोध ने यह भी साबित किया कि कॉम्बैट टाइप-2 डायबिटिज मरीजों के लिए काली चाय वरदान है । सौरभ और उनके दल का यह अनूठा शोध ‘एजिंग सेल’ जर्नल के हालिया अंक में प्रकाशित हुआ है ।

सौरभ के अनुसार, हालांकि हरी चाय के बारे में तो यह जानकारी सबको मिल चुकी है कि यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है पर काली चाय के बारे में ऐसा नहीं है । हमने अपने शोध के दौरान उस तत्व को ढूंढ़ा जो टाइप-2 डायबिटिज के दौरान इंसुलिन को रिप्लेस कर देता है और जिस कारण शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन-रोधी हो जाती है और ब्लड शुगर के आवश्यक रेगुलेटर के रूप में विकसित हो जाती है । शोध के दौरान हमने पाया कि काली चाय में थियेफ्लेविन्स और थियेरु बिगिन्स नामक तत्व होता है जो इंसुलिन की तरह व्यवहार क रता है। शोधकर्ताओं की टीम में हालांकि कई और वैज्ञानिक थे पर सौरभ ने सबसे पहले काली चाय के इन गुणों को ढूंढ़ा और यह भी बताया कि यह एंटी-ऐजिंग के लिए भी काफी मददगार होता है। उनके अनुसार, सिर्फ डायबिटिज के मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए काली चाय काफी मददगार होती है ।

शोधकर्ताओं के दल के मुखिया और इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. रेना के अनुसार, शोध के अगले चरण में हमें यह पता करना है कि काली चाय के ये तत्व किस तरह इंसुलिन की तरह व्यवहार करते हैं और इसे किस तरह इलाज में उपयोग किया जा सकता है। डॉ. रेना के अनुसार, यह खोज दुनिया की तेज गति से बढ़ रही महामारी के लिए रामबाण होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डायबिटिज काफी तेजी से फैल रही है और 2030 तक इसकी संख्या बढ़कर 350 मिलियन तक पहुंच जाएगी। पटना में जन्मे सौरभ के पिता और माता डॉक्टर हैं । सौरभ ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पटना में की और फिर उन्होंने कैं सर बॉयोलोजी में पीएचडी की उपाधि पाई


Thursday, 11 June 2015

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जानिए प्रश्न कुण्डली के रहस्य



जानिए प्रश्न कुण्डली के रहस्य
कई बार लोगों की उलझन होती है कि हमारा जन्‍म समय या तिथि सही ज्ञात नहीं है। ऐसे में ज्‍योतिष संबंधी फलादेश कैसे किए जाएं। ज्‍योतिष में इसका सटीक जवाब प्रश्‍न कुण्‍डली है।

पिछले कुछ सालों में अस्‍पतालों में शिशु जन्‍म की स्थितियां बढ़ने के कारण जन्‍म समय कमोबेश सही मिलने लगे हैं। पर अब भी जन्‍म समय को लेकर कई तरह की उलझनें बनी हुई है। आमतौर पर शिशु के गर्भ से बाहर आने को ही जन्‍म समय माना जाता है। इसके अलावा माता से नाल के कटने या पहली सांस लेने का भी जन्‍म समय लेने के मत देखने को मिलते हैं। ऐसे में प्रश्‍न कुण्‍डली ऐसा जवाब है जिससे जन्‍म तिथि और जन्‍म समय को नजरअंदाज किया जा सकता है।

प्रश्‍न कुण्‍डली वास्‍तव में समय विशेष की एक कुण्‍डली है जो उस समय बनाई जाती है, जिस समय जातक प्रश्‍न पूछता है। यानि जातक द्वारा पूछे गए प्रश्‍न का ही भविष्‍य देखने का प्रयास किया जाता है। इसमें सवाल कुछ भी हो सकता है। आमतौर पर तात्‍कालिक समस्‍या ही सवाल होती है। ऐसे में समस्‍या समाधान का जवाब देने के लिए प्रश्‍न कुण्‍डली सर्वाधिक उपयुक्‍त तरीका है। ध्‍यान रखने की बात यह है, कि प्रश्‍न के सामने आते ही उसकी कुण्‍डली बना ली जाए। इससे समय के फेर की समस्‍या नहीं रहती। इसके साथ ही जातक की मूल कुण्‍डली भी मिल जाए और वह प्रश्‍न कुण्‍डली को इको करती हो तो समस्‍या का हल ढूंढना और भी आसान हो जाता है। कई बार जातक जो मूल कुण्‍डली लेकर आता है, वह भी संदेह के घेरे में होती है। ओमेने (जो कि संकेतों का विज्ञान है) बताता है कि जातक का ज्‍योतिषी के पास आने का समय और जातक की कुण्‍डली दोनों आमतौर पर एक-दूसरे के पूरक होते हैं। ऐसे में प्रश्‍न कुण्‍डली बना लेना फलादेश के सही होने की गारंटी को बढ़ा देता है।

प्रश्‍न कुण्‍डली के साथ सबसे बड़ी समस्‍या यही है कि जातक के सवाल का सही नहीं होना। ज्‍योतिष की जिन पुस्‍तकों में प्रश्‍नों के सवाल देने की विधियां दी गई हैं उन्‍हीं में छद्म सवालों से बचने के तरीके भी बताए गए हैं। इसका पहला नियम यह है कि ज्‍योतिषी को टैस्‍ट करने के लिए पूछे गए सवालों का जवाब कभी मत दो। ऐसा इसलिए कि ओमेने के सिद्धांत के अनुसार छद्म सवाल का कोई उत्‍तर नहीं होता। जातक का सवाल सही नहीं होने पर प्रश्‍न और कुण्‍डली एक-दूसरे के पूरक नहीं बन पाते हैं। ऐसे में प्रश्‍न कुण्‍डली बनाने के साथ ही ज्‍योतिषी को प्रश्‍न के स्‍वभाव का प्रारंभिक अनुमान भी कर लेना चाहिए। इससे प्रश्‍न में बदलाव की संभावना कम होती है।

कमोबेश एक जैसे सवाल

ज्‍योतिष कार्यालय चलाने वाले लोग जानते हैं कि एक दिन में एक ही प्रकार की समस्‍याओं वाले लोग अधिक आते हैं। इसका कारण यह है कि गोचर में ग्रहों की जो स्थिति होती है उससे पीडि़त होने वाले लोगों का स्‍वभाव भी एक जैसा ही होगा। इसका अर्थ यह नहीं है कि समान राशि या कुण्‍डली वाले लोगों को एक जैसी समस्‍याएं होगी बल्कि ग्रह योगों की समान स्थिति से समान स्‍वभाव की समस्‍याएं सामने आएंगी। मेरा अनुभव बताता है कि जिस दिन गोचर में चंद्रमा और शनि की युति होगी, तो उस दिन मानसिक समस्‍याओं से घिरे लोग अधिक आएंगे। हां, मानसिक समस्‍याओं का प्रकार लग्‍न और अन्‍य ग्रहों के कारण बदल जाता। कोई सिजोफ्रीनिया से पीडि़त हो सकता है तो कोई क्रोनिक डिप्रेशन का मरीज हो सकता है। किसी को दिमागी सुस्‍ती की समस्‍या हो सकती है तो कोई साइको-सोमेटिक डिजीज से ग्रस्‍त हो सकता है। इस तरह प्रश्‍न कुण्‍डली से एक ओर जातक का विश्‍लेषण आसान हो जाता है तो दूसरी ओर भूतकाल स्‍पष्‍ट करने के बजाय भविष्‍य कथन में अधिक ध्‍यान लगाया जा सकता है।

प्रश्‍न कुण्‍डली के फायदे

जन्‍म समय का फेर नहीं होता
अगर आपको पास सॉफ्टवेयर है तो यह हाथों-हाथ तैयार हो जाती है
सही सवालों के जवाब स्‍पष्‍ट मिलते सकते हैं
हर तरह के सवाल का जवाब दिया जा सकता है, बशर्ते सवाल सही हो।
जिन लोगों को जन्‍म समय नहीं हैं, उनके अलावा जिन लोगों की गलत कुण्‍डली बनी हुई है वे भी अपनी चिंताओं का सही जवाब ले सकते हैं।
भविष्‍य कथन के बजाय मौजूदा समस्‍याओं से संबंधित कई सवालों के सटीक जवाब मिलते हैं
मैंने देखा है कि भविष्‍य कथन के बजाय ऐसे सवाल जिनके हां या ना में उत्‍तर होते हैं उनके सटीक जवाब मिल जाते हैं।

Wednesday, 10 June 2015

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Monday, 8 June 2015

इन तरीकों से जान सकते है आप किसी भी सोफ्टवेयर की CRACK / KEY


हम कई बार जरुरत के सोफ्टवेयर इंटरनेट से डाऊनलोड कर लेते हैं। लेकिन उनमे से ज्यादा तर ट्रायल वर्जन होते हैं। यानि एक माह के लिए। उसके बार उस सोफ्टवेयर का फुल वर्जन खरीदने के लिए कहा जाता है।

जिसे खरीदने के बजाय ज्यादातर लोग उसे डिलेट करके दूसरा सोफ्टवेयर ही डाऊनलोड करना पसंद करते हैं। असल में हम जो भी सोफ्टवेयर का फुल वर्जन खरीदते हैं तो उसमे सबसे ख़ास जो चीज मिलती है वो है उस सोफ्टवेयर की ''एक्टिवेशन की ''

जिसे crack/key भी कहा जाता है। बाकि सोफ्टवेयर वही होता है जैसा ट्रायल था। बस उस ट्रायल वर्जन सोफ्टवेयर में हमे उसकी ''एक्टिवेशन की '' लगानी होती है।

जिसे लगाते ही वो सोफ्टवेयर फुल वर्जन बन जाता है। फ्री ''एक्टिवेशन की '' हासिल करने के लिए हम इंटरनेट पर घंटों सर्फिंग करते रहते हैं। तब जाकर कभी तो सही की मिल जाती है ,और कभी नही मिल पाती।

आज मै आपको एक ऐसा इंटरनेट ट्रिक बता रहा हूँ जिसकी मदद से आप किसी भी सोफ्टवेयर की ''एक्टिवेशन की '' को आसानी से हासिल कर सकते हैं। बस आपको गूगल सर्च इंजन पर जाकर 94fbr ''सोफ्टवेयर का नाम '' ये लिख कर सर्चिंग करना है। आपके सामने उस सोफ्टवेयर की ''एक्टिवेशन की '' की बहुत सारी वेबसाइट खुल जाएँगी। जिनमे आप उस सोफ्टवेयर की सही की हासिल कर सकते हैं।

जैसे की मुझे इंटरनेट डाऊनलोड मेसेंजर की फुल वर्जन ''एक्टिवेशन की '' तलाश करनी है तो मुझे गूगल सर्च इंजन पर जाकर इस तरह लिखना है 94fbr internet download manager

इसी तरह आपको जिस सोफ्टवेयर की भी फुल वर्जन ''एक्टिवेशन की '' चाहिए आप भी गूगल सर्च इंजन पर जाकर 94fbr के साथ उस सोफ्टवेयर का नाम लिख दें। आपको  उस सोफ्टवेयर की फुल ''एक्टिवेशन की '' मिल जाएगी।

अगर सफल होना है तो आपको छोड़ना पड़ेगा अंहकार



अगर आप के साथ भी आपके दोस्त या कोलीग ऐसा ही व्यवहार करते हैं तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि इसमें गलती उन लोगों की नहीं बल्कि खुद आपकी है. सेल्फ ऑब्सेशन एक ऐसा शब्द है जो भले ही वैयक्तिक तौर पर आपको सुकून प्रदान करता हो लेकिन आपका ऐसा स्वभाव अन्य लोगों के लिए परेशानी पैदा कर सकता है. आप हम के स्थान पर अगर मैं, मेरा जैसे शब्दों का अधिक प्रयोग करते हैं तो दूसरे व्यक्ति आपके बारे में नकारात्मक छवि बना सकते हैं. अगर आप अपने ऐसे व्यवहार से बाहर आना चाहते हैं तो निम्नलिखित बिंदु आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकते हैं.

खुद को असुरक्षित समझना छोड़ दें – जब आप खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं तो आप अपने विचार दूसरों पर थोपने का प्रयत्न करने लगते हैं. आपको ऐसा लगता है कि अगर आप दूसरों को अपनी दी गई राय पर काम करने के लिए मना लेते हैं तो इससे आपके ईगो और अहं तो संतुष्ट हो जाते हैं लेकिन दूसरे आपके इस व्यवहार को सहन नहीं कर पाते. मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग हर बार खुद की सराहना करते हैं, भले ही दूसरे लोगों को उनके कार्य पसंद आएं या नहीं, वह लोग अंदर से कमजोर होते हैं. वह खुद को सांत्वना देने के लिए ही ऐसा करते हैं. इसीलिए बेहतर है अपने भीतर छिपी असुरक्षा को निकाल दें और पूरे आत्मविश्वास के साथ काम करें.

आपकी छवि खराब करती है ईगो – अपने ऊपर गर्व करना या आत्मविश्वासी होना बहुत अच्छी बात है लेकिन आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि गर्व करते हुए आप दूसरों की प्रतिभा को नजरअंदाज नहीं कर सकते. अपने अहंकार से बाहर आकर देखेंगे तो दुनियां आपको कहीं ज्यादा आकर्षक लगेगी.

दूसरों से बात करें – आप एक ही कार्यालय में काम करते हैं लेकिन आपका अहं आपको अपने सहकर्मियों से बात नहीं करने देता. आप अपनी प्रतिभा और ओहदे पर इतना अधिक घमंड करते हैं कि ना तो आप अन्य लोगों से बात करते हैं और ना ही उनके साथ कुछ शेयर करते हैं तो आपको यह भी समझना होगा कि आपके इस व्यवहार को देखकर अन्य लोग भी आपको पसंद नहीं करते. वह भी आपसे बात करने में दिलचस्पी नहीं रखते. इसीलिए अपने सहकर्मियों से बात करें, उनके साथ लंच करें और हलका-फुलका हंसी मजाक भी करें.

अहंकार आपके संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में बाधा पैदा करने के अलावा और कुछ नहीं करता. अहं और स्वाभिमान, इन दोनों शब्दों में जो एक विशाल अंतर है उसे समझना किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है.

किशोरों में सबसे लोकप्रिय है फेसबुक, दूसरे नंबर पर गूगल प्लस, तीसरे पर ट्विटर



मुंबई। एक अध्ययन का दावा है कि किशोरों में फेसबुक सबसे अधिक लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है। इसके बाद क्रमशः गूगल प्लस तथा ट्विटर का नंबर आता है।
यह सर्वे साफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टीसीएस ने करवाया है। यह 14 शहरों में आठवीं से 12वीं कक्षा के 12,365 विद्यार्थियों की राय पर आधारित है। सर्वेक्षण में शामिल लगभग 90 प्रतिशत विद्यार्थियों का कहना है कि वे फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। जबकि 65 प्रतिशत ने गूगल प्लस तथा 44.1 प्रतिशत ने ट्वीटर के इस्तेमाल की बात कही है।
इस सर्वेक्षण के अनुसार इसमें शामिल 45.5 प्रतिशत विद्यार्थियों का कहना है वे अपने स्कूली काम को निपटाने के लिए सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं। जहां तक पढाई का सवाल है तो विकिपीडिया 63.1 प्रतिशत के साथ पहले नंबर पर है।

Sunday, 7 June 2015

इंट्रेस्ट के अनुसार चुनें अपने करियर को



युवाओं को जिस सब्जेक्ट में इंट्रेस्ट हो, उसी की पढाई करनी चाहिए। इंट्रेस्ट का पता स्कूल में पढाई के दौरान लग जाता है। पैरेंट्स को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों के करियर के चयन में उनके भीतर छिपे टैलेंट और उनके इंट्रेस्ट का ध्यान रखें। जिस प्रकार अर्जुन ने लक्ष्य के रूप में मछली की आंख पर ध्यान लगाया था, उसी प्रकार युवाओं में भी करियर लक्ष्य के प्रति ध्यान होना चाहिए। 
क्लास में स्टडी के फायदे
कई स्टूडेंट क्लास की बजाय घर में ही पढाई करना चाहते हैं। क्लास में सहयोगियों के साथ पढने से मेल-मिलाप बढता है। सामाजिक गुणों का विकास होता है। अपनी कमियों और खूबियों का पता चलता है। 70 के दशक में जब मैं स्टूडेंट था, तो फ्रेंड्स के साथ बैठने पर अपनी कमजोरियों का अहसास होता था और फिर कमियों को दूर करने की कोशिश करता था। इंटरव्यू आदि की तैयारी भी हम ग्रुप बनाकर करते थे। इस तरह काफी तैयारी हो जाती थी और कॉन्फिडेंस लेवल भी बढ जाता था।

रिलैक्स रहें, टेंशन से बचें
पढाई पर ध्यान देना तो अच्छी बात है, लेकिन मानसिक रूप से रिलैक्स रहना भी बहुत जरूरी है। 24 घंटे पढाई की टेंशन में रहने से समस्या का हल नहीं होगा। ज्यादा टेंशन लेने से प्रॉब्लम और बढेगी। बेहतर होगा कि रिलैक्स रहें और टाइमटेबल बनाकर धीरे-धीरे स्टडी शुरू करें। थोडा-बहुत पिकअप करने पर कॉन्फिडेंस आ जाएगा। इसके अलावा पढाई के साथ खेलकूद और दूसरी एक्टिविटीज पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

चुनौतियों का मुकाबला
अगर जीवन में आगे बढना है, तो कठिन परिश्रम से भागें नहीं। कई स्टूडेंट प्रतिकूल परिस्थिति में बहुत जल्द घबरा जाते हैं। ऐसे में घबराएं बिना चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने की आदत डालें। इस बात को हमेशा याद रखें कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता।

पॉजिटिव अप्रोच
यदि आपकी सोच सकारात्मक हो, तो किसी भी लक्ष्य को पाना असंभव नहीं है। वस्तुत: मानव जीवन में वर्क एवं नॉलेज से कहीं ज्यादा प्रभाव नजरिए का होता है। सकारात्मक सोच वाले युवा न केवल अपने लिए, बल्कि औरों के लिए भी सफलता की राह आसान कर सकते हैं।

अपडेट रहें
कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता, इसलिए युवाओं को चाहिए कि निरंतर अपडेट रहें। काम को सुगम तरीके से करने के लिए नए विकल्प एवं तकनीक ढूंढने का प्रयास लगातार करते रहना चाहिए।

जिम्मेदारी समझें
लाइफ में आगे बढने के लिए रिस्पॉन्सिबल होना जरूरी है। जब तक खुद जिम्मेदार नहीं बनेंगे, तो दूसरों से कैसे उम्मीद कर सकेंगे? आपकी जो जिम्मेदारी है, उसे खुद उठाएं, दूसरों पर मत डालें।

करियर विद द आरबीआई - Careers With the RBI



स्कीम ऑफ सलेक्शन -200 अंकों का ऑनलाइन एग्जाम होगा, जो ऑब्जेक्टिव टाइप होगा। इसमें रीजनिंग, मैथ्स, अंग्रेजी, जनरल अवेयरनेस और कंप्यूटर नॉलेज से संबंधित क्वैश्चंस पूछे जाएंगे। सभी सब्जेक्ट्स के समान अंक होंगे और सभी विषयों में अलग-अलग क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स लाना भी जरूरी होगा। गलत आंसर देने पर वन फोर्थ मा‌र्क्स कट जाएंगे। इसमें पास होने के बाद इंटरव्यू होगा।

टाइम मैनेजमेंट है सक्सेस-की

कॉन्सेप्ट कोचिंग के डायरेक्टर परवीन कुमार कहते हैं कि एग्जाम ऑनलाइन होगा, इस कारण ऑप्शन बदलने का ऑप्शन नहीं मिलेगा। आपके लिए जरूरी है कि आप सोच-समझकर प्रश्नों को सॉल्व करें। आरबीआई एग्जाम इतना भी टफ नहीं होता कि स्टूडेंट इसे सॉल्व न कर सके, असली चैलेंज निर्धारित समय-सीमा के अंदर सभी क्वैश्चंस को सही सॉल्व करने की है। इस एग्जाम में टाइम मैनेजमेंट से ही सक्सेस मिल सकती है।

जनरल अवेयरनेस है टफ
परवीन कहते हैं कि बैंक के अन्य एग्जाम्स की तुलना में जनरल अवेयरनेस के क्वैश्चंस काफी डिफरेंट और टफ होते हैं। इसमें आरबीआई और बैंकिंग से जुडे क्वैश्चंस काफी संख्या में होते हैं, लेकिन एग्जाम में यही ऐसा सेक्शन है, जिसमें कम मेहनत से बेहतर स्कोर लाया जा सकता है। इकोनॉमिक्स एंड सोशल इशूज के अंतर्गत ग्रोथ एंड डेवलपमेंट, नेशनल इनकम एंड पर कैपिटल इनकम, एंप्लॉयमेंट जेनरेशन ऑफ इंडिया, इकोनॉमिक रिफॉर्म इन इंडिया, फाइनेंस एंड मैनेजमेंट के अंतर्गत यूनियन बजट, डीटी एंड आईडीटी, मनी मार्केट एंड फॉरेन एक्सचेंज मार्केट, स्टॉक एक्सचेंज, सेबी आदि पर अधिक फोकस करें। अगर आप एक इकोनॉमी पेपर के साथ ही इकोनॉमी से रिलेटेड न्यूज और कुछ सालों में बैंक में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस की डीप स्टडी करते हैं, तो बेहतर मा‌र्क्स ला सकते हैं।

प्रैक्टिस से बनेगी बात
मैथ्स और रीजनिंग के सभी क्वैश्चंस कॉन्सेप्ट बेस्ड होते हैं। इस तरह के क्वैश्चंस को आप तभी सॉल्व कर सकते हैं, जब आपके बेसिक स्ट्रॉन्ग होंगे। इसके लिए प्रैक्टिस अहम है। जरूरी है कि आप रीजनिंग और मैथ्स के क्वैश्चंस को रेगुलर सॉल्व करने की कोशिश करें। अंग्रेजी में एसे, पे्रसिस राइटिंग, कॉम्प्रिहेंशन, कॉमन एरर, क्लोज टेस्ट पर फोकस करें। परवीन कहते हैं कि अंग्रेजी के क्वैश्चंस को सॉल्व करने से पहले कुछ सेक्शन बांट लें और उसे पहले सॉल्व करें। इंग्लिश में क्लोज टेस्ट और कॉमन एरर में अपेक्षाकृत कम समय लगता है। आप चाहें तो इसे सबसे पहले सॉल्व कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि आप इसी आइडिया को एग्जाम में फॉलो करें। आप अपनी सुविधा और एबिलिटी के अनुसार क्वैश्चंस को सॉल्व करने की स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।

सिक्योर करें क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स
इस परीक्षा में सभी सब्जेक्ट्स में अलग-अलग क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स लाना जरूरी है। आप सबसे पहले सभी सेक्शन में मिनिमम क्वालिफाइंग मा‌र्क्स का चक्रव्यूह तोडें। यह तभी संभव हो सकेगा, जब सभी सेक्शन्स को बराबर समय देंगे। आप सभी सेक्शन के लिए कितना समय देंगे, इसे पहले ही निर्धारित कर लें।

Design Your Career Innovation - डिजाइन योर करियर इन इनोवेशन



देश में आज पढाई-लिखाई के ट्रेडिशनल मेथड्स में चेंज आया है। स्टूडेंट हों या टीचर, उस पढाई पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं, जो सोसायटी, इंडस्ट्री के लिहाज से जरूरी हों। मेटा कॉलेज कॉन्सेप्ट पर डेवलप किया गया दिल्ली यूनिवर्सिटी का सीआईसी यानी क्लस्टर इनोवेशन सेंटर इसी अवधारणा को नया चेहरा दे रहा है।

ज्वाइंट डिग्री कॉन्सेप्ट
क्लस्टर इनोवेशन सेंटर में बीटेक इनोवेटिव विद मैथमेटिक्स एंड आईटी, बीटेक ह्यूमेनटीज (जर्नलिज्म, हिस्टोरिकल टूरिज्म, आ‌र्ट्स एंड डिजाइन व काउंसलिंग) व मास्टर्स ऑफ मैथमेटिक्स एजुकेशन जैसे कोर्स चलते हैं, जिनमें मास्टर ऑफ मैथमेटिक्स एजुकेशन की पढाई मेटा यूनिवर्सिटी के डुअल यूनिवर्सिटी प्रोग्राम के तहत होगी। इस खास कोर्स के लिए स्टूडेंट्स डीयू के अलावा जामिया मिलिया जैसे टॉप संस्थान से भी पढाई कर सकेंगे। इस दौरान स्टूडेंट्स को मिलने वाली डिग्री भी ज्वाइंट होगी। जाहिर है ऐसे में इसकी इंपॉर्टेस भी अन्य पीजी डिग्रियों से कहीं ज्यादा होगी।
चेक योर एलिजिबिलिटी
इन कोर्सेज के लिए स्टूडेंट्स को अलग-अलग एलिजिबिलिटी चाहिए। मसलन बीटेक इनोवेटिव विद मैथमेटिक्स एंड आईटी कोर्स के लिए स्टूडेंट्स के पास 12वीं में मैथ्स होना अनिवार्य है। वहीं बीटेक ह्यूमेनटीज के लिए किसी भी स्ट्रीम के कैंडिडेट्स एंट्री ले सकते हैं, जबकि मास्टर्स ऑफ मैथमेटिक्स की पढाई के लिए स्टूडेंट्स के पास यूजी लेवल पर दो पेपर मैथ्स के होने चाहिए।

डिजाइन योर डिग्री
सीआईसी के जरिए देश में पहली बार ऐसा सिस्टम आजमाया गया है, जिसमें स्टूडेंट के पास खुद अपनी डिग्री डिजाइन करने का मौका है। यानी सीआईसी में एडमिशन के बाद कोई स्टूडेंट किसी स्पेसिफिक सब्जेक्ट के लिए डीयू के किसी कॉलेज से पढाई कर सकता है। साथ ही, प्रैक्टिकल वर्क से रिलेटेड एक्टिविटीज सीआईसी में चलेंगी। साथ ही पीजी कोर्स मेटा यूनिवर्सिटी कॉन्सेप्ट के तहत पूरे किए जाएंगे। इन कोर्सो के लिए एंट्रेस एग्जाम फार्म 27 जून से उपलब्ध होंगे। फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट 15 जुलाई 2013 है।

सोसायटी के काम आती है पढाई
इस बारे में सीआईसी में मास्टर ऑफ मैथमेटिक्स एजुकेशन के कोऑर्डिनेटर डॉ. पंकज त्यागी का कहना है कि 2011 में सीआईसी की स्थापना का लक्ष्य ही समाज और इंडस्ट्री के लिए प्रासंगिक चीजों को पढाई में शामिल करना था। ऐसा न हो कि यूजी, पीजी करने के बाद स्टूडेंट सोचने लगें कि आखिर उसकी पढाई का मतलब क्या है? लिहाजा इन प्रोग्राम्स के चलते ब्लाइंड एजुकेशन, ट्रैफिक, चाइल्ड लेबर, स्लम्स जैसी कई समस्याओं पर फोकस किया जाता है और उनके मैथमेटिकल हल ढूंढे जाते हैं।

सॉल्यूशन ऑफ ऑल प्रॉब्लम्स
आज हमारे आस-पास समस्याओं की कमी नहीं है। लेकिन सवाल यही है कि इन्हें सुलझाया कैसे जाए। क्लस्टर इनोवेशन सेंटर इन प्रॉब्लम्स का हल बन सकता है। सेमेस्टर के दौरान इंस्टीट्यूट की कोशिश रहती है कि कैसे स्टूडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा सोसायटी के प्रैक्टिकल ऑस्पेक्ट्स से वाकिफ होने का मौका मिले, कैसे क्लासरूम में सीखी गई थ्योरी को वो ग्राउंड लेवल पर आम लोगों की मुश्किलें हल करने में अप्लाई करें और इसमें वे सफल हो रहे हैं।

स्मार्टफोन सुरक्षित रखने की पांच टिप्स



 1-पासकोड: अगर आप एंड्रायड फोन का प्रयोग कर रहे हैं तो स्मार्टफोन में पासकोड का प्रयोग करें, या फिर लॉक स्क्रीन पैटर्न सेट करें। इससे फोन का डेटा सुरिक्षत रख सकते हैं।

2-वैरिफिकेशन:
अपने गूगल एकाउंट और आईक्लाउड एकाउंट को सुरिक्षत रखने के लिए सेटिंग में जाकर टू स्टेप वैरिफिकेशन ऑप्शन ऑन करें। इससे आपका आईक्लाउड स्टोरेज एकाउंट भी सेफ रहेगा

3-जेलब्रेकिंग: इसकी मदद से आप फोन के सॉफ्टवेयर को अपनी तरह से सेट कर सकते हैं ये बिलकुल ऐसा ही जैसे किसी बाइक को मॉडीफाइ कर दें।

4-एप्लीकेशन: एप्लीकेशन इंस्टॉल करते समय सावधान रहें गूगल प्ले में एंड्रायड एप्लीकेशनों का ढेर लगा हुआ है लेकिन गूगल प्ले के अलावा ऑनलाइन कई फ्री एंड्रायड एप्लीकेशनें भी रहती है जिन्हें भूल कर भी डाउनलोड न करें। कोशिश करें कि एप्लीकेशन स्टोर से ही अलग से डाउनलोड कर इस्तेमाल करें, इससे सुरक्षा बढ़ती है।

5-ब्राउजर:
जहां तक हो सके एप्लीकेशन का प्रयोग करें अगर आप अपने मोबाइल से बैंक से जुड़ा कोई काम कर रहे हैं या फिर शेयर मार्केट से जुड़े काम करते हैं तो इसके लिए मोबाइल ब्राउजर की जगह एप्लीकेशन का प्रयोग करें इसके लिए एप्लीकेशन स्टोर में जाकर एप्लीकेशन पहले डाउनलोड कर लें। 

मोबाइल बैंकिंग के बारे में सावधानियां एंव जानकारी



मोबाइल बैंकिंग के बारे में, देश में मोबाइल के जरिये इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही मोबाइल बैंकिंग का भी दायरा बढ़ा है। बिना बैंक गए और कोई लिखत-पढ़त किए घर बैठे मोबाइल के जरिये बैंकिंग की सहूलियत ने इसे काफी तेजी से लोकप्रिय बनाया है, इस सहूलियत के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं, जिनसे थोड़ा सतर्क रह कर और कुछ सावधानियां बरत कर बचा जा सकता है। बात करते हैं ऐसी ही कुछ सावधानियों की जिनका आपको मोबाइल बैंकिंग करते समय ध्यान रखना चाहिए।

ऑटो लॉक करें एक्टिवेट
मोबाइल बैंकिंग एक्टिवेट कराने के ‌बाद सबसे पहले यह देखें कि आपके फोन का ऑटो लॉक काम कर रहा है या नहीं। यदि यह एक्टिवेट नहीं है तो सबसे पहले मोबाइल में ऑटो लॉक को चालू करें, ताकि जब फोन यूज में नहीं होगा तो लॉक अपने आप लग जाएगा। लॉक खोलने के लिए पासवर्ड ऐसा चुनें, जिसे क्रैक कर पाना मुमकिन न हो। इसके लिए 8 या इससे ज्यादा करेक्टर वाले पासवर्ड में आप करेक्टर (अक्षर), न्यूमेरिकल्स (अंक) और स्पेशल कैरेक्टर्स का यूज कर स्ट्रांग पासवर्ड तैयार कर सकते हैं।

गोपनीय सूचना को रखें गोपनीय

टेक्स्ट मेसेज के द्वारा बैंकिंग संबंधी कोई भी अहम या गोपनीय सूचना मसलन अकाउंट नंबर, पासवर्ड, पैन कार्ड और जन्मतिथि आदि का खुलासा न करें। हैकर्स इन सूचनाओं का इस्तेमाल ही बैंक अकाउंट को हैक करने में कर सकते हैं। मोबाइल बैंकिंग संबंधी धोखाधड़ी से बचने के लिए यह भी जरूरी है कि अपने मोबाइल को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर से प्रोटेक्ट करें।

डाउनलोड करें जरा संभलकर

मोबाइल में कोई नया ऐप्लीकेशन, गेम, पिक्चर, म्यूजिक या वीडियो आदि डाउनलोड करते समय ध्यान रखें कि जहां से आप डाउनलोड कर रहे हैं, वह साइट भरोसेमंद हो। कई बार ऐसी फाइलों के जरिये अक्सर आपका फोन हैकिंग का शिकार हो जाता है या उसमें वायरस भी भेजा जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल से चेन मैसेज को भी डिलीट कर दें।

ब्लूटूथ को ऑन रखने से परहेज
अपने स्मार्टफोन को वायरस से बचाएं रखने के लिए जरूरी है कि जब आप ब्लूटूथ का इस्तेमाल न करें तो उसे स्विच ऑफ कर दें। ब्लूटूथ ऑन रहने से हैकर्स को आपके मोबाइल तक पहुंचने का मौका मिल सकता है। मोबाइल को हैकिंग और वायरस से बचाए रखने के लिए लगातार फायरबाल व सेफ्टी सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहना चाहिए। मोबाइल फोन बनाने वाली या कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियां इनका समय-समय पर अपडेट वर्जन मुहैया कराती रहती हैं, जिन्हें इंस्टाल करते रहना चाहिए।

एक आदत यह भी जरूरी
अपने मोबाइल ट्रांजेक्शन को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना ब्राउजिंग हिस्ट्री को डिलीट करते रहने की आदत बना लेना अच्छा रहता है। यह आदत आपके लिए काफी सुरक्षित रहेगी।

फैशन की दौड़ में बच्चों की एन्ट्री



दुनिया की सभी सभ्यताओं में फैशन एक अनिवार्य अंग के रूप में शामिल रहा है। पूर्व सभ्यताओं में जहां केवल महिला व पुरूषों को फैशन करते देखा जाता था, वहीं इस आधुनिक युग में बच्चें भी फैशन की दौड़ में शामिल हो गए है। बच्चों में बढ़ता फैशन का क्रेज आजकल हर जगह देखने को मिलता है। बच्चे भी स्वयं को कैसे फैशन के अनुसार ढालना चाहते हैं। इसे देखकर कभी-कभी फैशनेबल माता-पिता भी हैरत में पड़ जाते हैं। घर, स्कूल या पार्टी हो सभी जगह बच्चे जमाने की चाल में चलना पसंद करते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। मां-बाप भी फैशन के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं जो बच्चों को मेचिंग में रखना ही पसंद करते हैं, जैसे ड्रेस वैसे मौजे, जूते, रूमाल वगैरह।

इसके अलावा नए खिलौने, गेम्स जो भी प्रचलन में होते हैं, बच्चों की फरमाइश पर हाजिर हो जाते हैं। जब बच्चे स्कूल जाना शुरू करते हैं, तब भी फैशन के बैगए कम्पास, पेंसिल, रबर लाकर ही दिए जाते हैं। उनके पास नहीं भी होते हैं, तो वे अपने दोस्तों के पास देखकर आकर्षित होते हैं और नई-नई चीजें लाने की मांग करते हैं।
समय के साथ चलती यह जागरुकता ही कहिए जिससे वे स्वयं को अलग सा दिखाना चाहते हैं और अपने को नए रूप में स्थापित करना चाहते हैं। सबके आकर्षण का केंद्र बन सके, दोस्तों के दिल में समां सके, शिक्षकों व  रिश्तेदारों की प्रशंसा पा सके, इसलिए वे जमाने के नित नए फैशन को अपनाना चाहते हैं। वे सोचते हैं कि वर्तमान में जो फैशन चल रहा है, अगर उसे नहीं अपनाएंगे तो हम ओल्ड फैशन की उपाधि से अलंकृत हो जाएंगे। लेकिन कई बार वे यह नहीं सोच पाते हैं कि जो भी फैशन चल रहा उससे मा-बाप और निकटवर्ती लोगों में हमारी छवि कैसी बनेगी। यह भी है कि फैशन के इस दौर में फैशन के साथ चलने के लिए बच्चे ब्रांडेड कंपनी की वस्तुओं को ही ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

जैसे-जूते यदि ब्रांडेड कंपनी के हों चाहे वह कम पसंद आ रहे हैं और वहीं दूसरे लोकल ब्रांड जूते उससे कहीं अच्छे भी हों तो भी जागरुक बच्चे ब्रांडेड कंपनी के जूते ही पहनना पसंद करेंगे। इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है कि साफ.सुथरे, सलीके से तैयार बच्चे सभी को अच्छे लगते हैं। वे अनायास ही सबको आकर्षित कर लेते हैं।

एक पहलू यह भी है कि यदि बच्चे फैशन के अनुसार न रहें या जिस माहौल में वे रह रहे हैं, उसके अनुरूप स्वयं को ढाल न पाएं तो उनमें हीन भावना जल्दी ही घर कर जाती है और उनका आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। यदि बच्चे इस स्थित में पहुंच जाएं तो उनके लिए सफलता पाना अत्यंत ही कठिन हो जाता है। अत: फैशन के साथ चलना आज की आवश्यकता बन गया है। ऐसे में जरूरत है कि फैशन के साथ चलिये लेकिन अंधे मत दौडिए। अभिभावकों को भी चाहिए कि वे फैशन संबंधि अपने अनुभवों से बच्चों को सही-गलत का ज्ञान दे। तभी बच्चे सही दिशा में बढ़ पाएंगे।

Friday, 5 June 2015

ये आसान टिप्स हर कपल के लिए जरूरी



 हर विवाहित दंपती  के जीवन का अनिवार्य हिस्सा है सेक्स। एक हेल्दी  सेक्स लाइफ जिंदगी को कई कुंठाओं  और तनाव से निज्ात  दिलाती है, ऐसा तमाम शोधों  से साबित हो चुका है। लेकिन सेक्स की यह जादुई  दुनिया भी पूरी तरह एरर-फ्री नहीं है। कभी न कभी सबकी जिंदगी  में सेक्स संबंधी समस्याएं आती हैं।
इन्हें कम करने और हेल्दी  सेक्स लाइफ का आनंद उठाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी  है।

1. पार्टनर के साथ कंफर्टेबल  रहें, खुद  को फ्री करें और इच्छाओं को मन में दबाने के बजाय उन्हें स्वीकारें और जाहिर करें।
2. रुटीन तोडें। सेक्स न केवल बेडरूम की क्रिया है और न इसका कोई खास समय है। जब मन तैयार हो, हैपी ऑवर मनाएं।
3. ज्ामाना  नए आइडियाज  का है। सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए भी नए आइडियाज पैदा करें।

4. हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए स्वस्थ खानपान और व्यायाम जरूरी  है। जो फिट है, उसी की सेक्स लाइफ हिट है।
5. फोरप्ले में समय लगाएं और धीरे-धीरे क्लाइमेक्स तक पहुंचें। सफर का आनंद मंजिल  में नहीं, यात्रा में है। इसलिए यात्रा के अलग-अलग पडावों का आनंद लें। धीरे चलें-सुरक्षित चलें।
6. उन एहसासों को एक्सप्लोर करने के बारे में सोचें, जो खुशी देते हैं। जो बात नापसंद हो, उसे साफ-साफ बता दें।
7.  सेक्स एक साधना जैसा है, जिसमें एकाग्रचित्त होकर ही सफलता मिल सकती है। तनाव, दबाव, अवसाद का प्रभाव इस पर न पडने दें।
8. फिल्म टाइटेनिक में मौत की गोद में भी जैक (ल्युनार्डो) और रोज्ा (केट) चंद लमहों को कैसे अपना बना लेते हैं? यह बहुत प्रेरणादायक प्रसंग है। जीवन बहुत छोटा है, लेकिन प्यार के कुछ पल इसे बहुत बडा बना सकते हैं। इन्हें न खोने दें।
9. सेक्स से तुरंत पहले ज्यादा एल्कोहॉल लेने से पुरुषों में इरेक्टाइल  प्रॉब्लम्स और स्त्रियों में वजाइनल  ड्राइनेस की समस्या हो सकती हैं। जिस व्यक्ति को पहले से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो, उनके लिए एल्कोहॉल बुरा साबित हो सकता है।

10. बेडरूम में संतुलित रहें। न बहुत पैसिव रहें और न लालायित रहें। दोनों स्थितियों में सेक्स क्रिया बाधित हो सकती है।
11. किसी भी सेक्स पोजीशन या टिप्स  पर आंख मूंद कर भरोसा न करें। ट्राई करने से पहले साइड इफेक्ट्स जरूर जान लें।
12. सेक्स से पहले डाइट का भी ध्यान रखें। भरपेट खाने के बाद बेड पर न जाएं। लाइट और हेल्दी  डाइट सेक्स को सहज बनाती है।

13. शेयरिंग बहुत जरूरी है। अपनी पसंद-नापसंद और सेक्सुअल  फैंटसीज  को पार्टनर से शेयर करें।
14. समय नहीं मिलता, यह बहुत सामान्य बात है आज के कपल्स के लिए। इसका अर्थ यह नहीं कि सेक्स लाइफ खत्म हो जाए। जब भी समय मिले, इसे एंजॉय करें और नई ऊर्जा पाएं।
15. तनाव, फ्रस्ट्रेशन  या थकान के कारण सेक्स के लिए मन नहीं होता। लेकिन तनाव व थकान को मिटाने का अचूक हथियार है एक अच्छा सेक्स सेशन। इसलिए इससे न भागें।

16. बेडरूम को शांत और रोमैंटिक रखें। गैजेट्स से भरा कमरा इच्छाएं कम कर सकता है, जबकि मधुर संगीत,  रोमैंटिक  बुक, ख्ाूबसूरत पेंटिंग, अरोमा कैंडल्स का प्रभाव सकारात्मक होता है।
17. सेक्स को काम के बजाय फन एक्टिविटी समझें।
18. मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर फिट रहें। अंतरंग पलों से पहले अरोमा  बाथ या स्पा लें और ऐसी ड्रेस पहनें, जो पार्टनर को पसंद हो। इससे सेक्स क्रिया रोमांचक बनेगी।

19. शोध बताते हैं कि रंगों का सेक्स इच्छा पर गहरा प्रभाव पडता है। बेडरूम को कलरफुल फैब्रिक से सजाएं, लेकिन भडकीला न बनाएं। रूम टेंपरेचर को अपने अनुकूल रखें।
20. हमेशा युवावस्था वाला खुमार  नहीं रहता, लेकिन सेक्स लाइफ ठहर नहीं जाती। इसे स्वीकारें और उम्र के अनुसार चलें।
21. आखरीबात.., सेक्स जरूरी   है, लेकिन कई बार एक गुडनाइट  किस और सुबह का ताज्ागी भरा आलिंगन भी दिन को तरोताजा कर सकता है। स्पर्श के जादुई एहसास को महसूस करते रहें।

खड़े होकर संभोग से मिलेगी नई अनुभूति

यह सेक्‍स का आनंददायक आसन है। इसमें कम जगह होने पर भी बेहतर सेक्‍स किया जा सकता है। सेक्‍स की तीव्र इच्‍छा मन में जग रही हो, बिस्‍तर उपलब्‍ध न हो और प्रतीक्षा करने का जरा भी मन नहीं कर रहा हो तो यह एक आनंद से भरा आसन है। इसमें कल्‍पना के स्‍तर तक आनंद की प्राप्ति होती है, क्‍योंकि पुरुष लिंग स्‍त्री योनि में प्रवेश कर ऊपर की ओर चला जाता है,
जहां एक नए तरह के घर्षण का अहसास होता हैा धक्‍का लगाने के दौरान भग से भी लिंग का घर्षण होता रहता है जो मिश्रित अनुभव कराता रहता है। पति पत्‍नी को इस आसन को जरूर ट्राई करना चाहिए ताकि सेक्‍स जीवन में नीरसता या ऊब न आए।

अधिक आनंद के लिए करते रहें बदलाव* इस आसन में थोड़ा बदलाव आते हुए पुरुष दीवार के सहारे खड़े हो जाए और अपनी महिला साथी को गोद में उठा ले। महिला अपने दोनों पैर से पुरुष के नितंब को कैंची की तरह जकड़ ले और धक्‍का लगाए। इसमें धक्‍का स्‍त्री को ही लगाना पड़ता है।
* थोड़ा रुक-रुक कर वह दीवार से पैर को सपोर्ट दे सकती है, जिससे धक्‍के लगाने में आसानी होगी। हालांकि इस आसन में पुरुष का बलिष्‍ट होना जरूरी है ताकि स्‍त्री के भार और उसके धक्‍के को एक साथ झेल सके।
* वैसे पुरुष के ऊपर से भार कम करने के लिए पीछे टेबल लगाया जा सकता है, जिसपर अपना हाथ रखकर महिला अपने वजन को पुरुष के ऊपर से कम कर सकती है।
* खड़े होकर सेक्‍स करने के दौरान अधिक आनंद के लिए थोड़ा और बदलाव कर सकते हैं। इस आसन में खड़ी स्‍त्री अपनी टांगे फैला देती है। इसके बाद पुरुष चाहे तो उसके सामने से या फिर उसके पीछे से अपने लिंग को उसकी योनि में प्रवेश करा सकता है। सामने से प्रवेश करने पर फैली हुई योनि में लिंग का प्रवेश आसानी से हो जाता है, हां पुरुष को थोड़ा झुकना पड़ सकता है।
* पीछे से प्रवेश के लिये महिला को अपना नितंब बाहर की ओर निकालना होगा ताकि पुरुष को भग प्रदेश न केवल दिखे, बल्कि फैल भी जाए। महिला अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे झुकेगी तो नितंब भी बाहर आ जाएगा और भग प्रदेश भी खुल जाएगा। इसके बाद पुरुष लिंग को पीछे से प्रवेश कराए।
* इस आसन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष महिला का हाथ अपनी ओर करके पकड़ सकता है, जिससे धक्‍का लगाने के लिए उसे सपोर्ट मिलता है। वह चाहे तो केवल कमर पकड़ कर भी धक्‍के को तीव्र कर सकता है। धक्‍का लगने के पुरुष अपने हाथ से स्‍त्री का स्‍तन भी सहला सकता है।
* आसन में बदलाव कर स्‍त्री इस तरह उकड़ू बैठे जैसे मेंढ़क बैठता है। इसके उसकी योनि और अधिक खुल जाएगी। इसके बाद पुरुष उसके पीछे घुटनों के बल खड़ा होकर योनि में लिंग को प्रवेश कराए । इसमें लिंग का योनि में गहरा प्रवेश होता है।

Thursday, 4 June 2015

इस आसान से उपाए से हो सकती है माइग्रेन की समस्या आसानी से दूर


वाशिंगटन नियमित रूप से ध्यान लगाने से माइग्रेन की समस्या से राहत मिल सकती है। हालिया शोध के तहत यह बातें कही गई हैं। वेक फोरेस्ट बैपटिस्ट में न्यूरोलॉजी के सहायक प्रोफेसर रिबेका इरविन वेल्स के मुताबिक, तनाव सिर दर्द और माइग्रेन का प्रमुख कारण है।

नए शोध में हमने पता लगाया है कि माइंडफुलनेस बेस्ड स्ट्रेस रिडक्शन (एमबीएसआर) से युवाओं में माइग्रेन की समस्या से स्थायी रूप से राहत मिलती है।
युवाओं पर शोध

19 युवाओं को शोध में शामिल किया गया था। दस लोगों को एमबीएसआर का उपचार दिया गया और अन्य नौ को सामान्य चिकित्सीय सहायता.

क्या रहा परिणाम

पहले समूह को हर सप्ताह कम से कम पांच दिन 45 मिनट के लिए एमबीएसआर तकनीक के जरिये ध्यान लगाने को कहा गया।
   
इन युवाओं में पहले के मुकाबले माइग्रेन के दर्द में कमी आई
   
हर महीने माइग्रेन की समस्या में 1.4 प्रतिशत की कमी आई।


क्या है एमबीएसआर
स्वास्थ्य की विभिन्न समस्याओं के लिए एमबीएसआर को पूरक दवाओं के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है। एमबीएसआर तकनीक के तहत दवाओं का इस्तेमाल कम कर दिया जाता है और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ा कर मरीज के आत्मबल को बढ़ाया जाता है।

Health Care Tips For Family - फैमेली के लिए हेल्थ केयर आसान टिप्स



पसीने में पानी पीना, छाया में बैठकर अधिक हवा खाना, छाती व सिर में दर्द पैदा करते हैं।

* भोजन के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी पीना, भोजन के बाद ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।

* दिनभर बैठक का काम करने वाले व्यक्ति को प्रातः घूमना चाहिए।

* जूठा पानी पीने से टीबी, खांसी व दमा आदि बीमारियां पैदा होती हैं।


* पेट में पानी हो तो दो गोले नारियल का पानी नित्य सेवन करें।

* महिलाओं को विशेषकर अंगूर सेवन ज्यादा करना चाहिए।

* दही में बेसन मिलाकर उबटन की तरह मलें, शरीर की बदबू रफूचक्कर हो जाएगी।

* सांस फूलने पर दही की कढ़ी में देसी घी डालकर कुछ दिन खाएं।

* लू से छुटकारा पाने के लिए मिश्री के शरबत में एक कागजी नीबू निचोड़कर पीएं।

* कांच या कंकर खाने में आने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें।

* घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बांधें।

बढ़ती उम्र का असर कम करने के लिए अपना सकते हैं ये टिप्स



 लाइफस्टाइल डेस्कः हेल्दी और यंग दिखने की चाहत सभी को होती है। महिलाओं में इस चाहत को ज़्यादा देखा गया है। कभी फेसपैक लगाकर, तो कभी बोटोक्स के इंजेक्शन लगाकर वो अपनी असली उम्र को ताउम्र छिपाए रखना चाहती हैं, लेकिन महिला हो या पुरुष हर कोई इस बात से अंजान है कि यंग बनाए रखने का दावा करने वाली बाजार में कई दवाएं और कॉस्मेटिक्स तो आराम से मिल जाएंगे। लेकिन केवल कुछ छोटी-मोटी आदतों में ही बदलाव करके काफी समय तक नेचुरल तरीकों से भी असमय आने वाले बुढ़ापे को रोका जा सकता है। कुछ ऐसे ही 14 बदलाव जो आपको जवां रखने में मदद करते हैं।

1. सुबह जल्दी उठें
जर्नल इमोशन में 2012 में छपी एक स्टडी में कहा गया कि जो लोग सुबह जल्दी उठते हैं, वे सुबह देर से उठने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा खुश और स्वस्थ रहते हैं। ऐसे में जब आप स्वस्थ रहते हैं, तो आपकी बढ़ती उम्र का असर शरीर पर भी नहीं पड़ता। एक व्यस्क युवा के लिए छह से सात घंटे की नींद काफी मानी जाती है। जब आप जल्दी उठेंगे तो आपके दिन की शुरुआत भी जल्दी होगी। इससे आप रात में समय पर सो भी सकते हैं।

2. फिटनेस पर ध्यान दें
बढ़ती उम्र का नकारात्मक असर शरीर पर पड़ता है। ऐसे में उम्र बढ़ने के दौरान अपनी फिटनेस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। इसलिए यदि आप लंबे समय तक अपनी उम्र से कम दिखना चाहते हैं तो रोजाना कम-से-कम 40-45 मिनट वर्कआउट करें। इसमें आप मॉर्निंग वॉक को भी शामिल कर सकते हैं। वॉक हमेशा सुबह की ही अच्छी रहती है, क्योंकि इस समय वायु में प्रदूषण कम होता है और तापमान भी कम होता है। आप योगा और मेडीटेशन को अपने लाइफस्टाइल में शामिल करें।

Other Tips: फूड च्वाइस बेहतर करें, साबुत अनाज खाएं, मछली को भोजन में शामिल करें, हेल्दी बैक्टीरिया युक्त खाने का सेवन करें, त्वचा में नमी की मात्रा बनाएं रखें, कैलोरी युक्त पदार्थों का सेवन कम करें, स्नैक्स अवॉयड करें, ज्यादा देर तक भूखे न रहें, एल्कोहल से बचें, एंटी-ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा लें, नमक का इस्तेमाल कम करें।

जानिए आपके लिए किस तरह के बैग्स हैं सबसे बहेतर - Stylish-Women-Handbags-Collection-5



हर हैंडबेग का अपना एक स्टाइल है। हालांकि किस फंक्शन पर कौनसा हैंडबेग लेना है यह चोइस की बात है। हैंडहेग के सिलेक्शन क बाद भी समस्या यहीं खत्म नहीं होती, उससे भी बड़ी समस्या आती है कि कैसे बैग्स का कलेक्शन रखें।
डिजाइनर कलर, क्वालिटी, फेब्रीक के साथ साथ बैग्स आपकी पर्सनेलिटी के हिसाब से भी होने चाहिए। यदि आप आपने शारीरिक ढ़ांचे और बनावट के मुताबिक हैंडबेग का सिलेक्शन करते हैं तो आपके स्टाइल स्टेटमेंट में भी बहुत फर्क पड़ेगा। जानिए आपके लिए किस तरह के बैग्स हैं सबसे बहेतर।

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छरहरी काया वाली लड़कियां
छरहरी यानी लंबी और पतली लड़कियों को छोटे हैंडबेग्स लेने चाहिए। लंबे हेंडल वाले बैग्स को ना लेकर छोटे हेंडल वाले बैग्स पसंद करें। क्लच यानी छोटा हाथ में रखा जाने वाला पर्स आपके लिए बेहतर आइडिया है।

छोटे कद वाली लड़कियां
छोटा कद होना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन अपनी पर्सनेलिटी को बी नहीं बनाए रखना गलत है। छोटे कद वाली लड़कियों को बड़े बैग्स नहीं लेने चाहिएं। बड़े बैग्स आपकी पर्सनेलिटी को नहीं उभारेंगे बल्कि आप बड़े बैग्स में जायादा छोटी नजर आएंगी। लंबे हैंडल वाले बैग्स नहीं लेकर छोटे हत्थों के छोटे स्मार्ट बैग्स लें जिसमें आपका जरूरत का सामान भी आ जाए।

हैवी वेट वाली लड़कियां
बैग्स के सिलेक्शन के लिए हॉलीवुड की अभिनेत्रियों को सबसे ज्यादा स्टाइलिश माना जाता है। लेकिन उनके केजुअल बैग्स को कॉपी करने का हक केवल हैवी वेट वाली लड़कियों को है। हैवी वेट वाली लड़कियां बड़े बैग्स में काफी स्टाइलिश लगेंगीं। यदि आपको प्रिंट पसंद है तो बड़ी प्रिंट्स में डिफरेंट कलर्स भी ट्राइ कर सकती हैं।

सभी के लिए

यदि आप कोइ महेंगा बैग खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो एसा पर्स चुनें जिसे आप हमेशा ले सकें। एक पर्स पर आमतौर पर 2 से 3 हजार से ज्यादा खर्च करना कोई मतलब नहीं रखता। कोइ एक एसा क्लासी काला या ब्राउन ऑफिस बैग सिलेक्ट करें जिसे आप रोज अपने ऑफिस में ले जा सकें। बाकी फंक्शन्स के लिए आप कोइ भी फंकी, कलरफुल पर्स ट्राइ कर सकती हैं।

Wednesday, 3 June 2015

INDIAN FOREST SERVICE EXAMINATION (IFS) , 2015 : last date 19/06/2015



INDIAN FOREST SERVICE EXAMINATION (IFS) , 2015 : last date 19/06/2015

INDIAN FOREST SERVICE EXAMINATION (IFS) , 2015
The Union Public Service Commission (UPSC) will hold preliminary screening test for the Indian Forest Service (IFS) Examination 2015 for recruitment to the Indian Forest Service Officers commencing from 23/08/2015. The pattern of the Indian Forest Service Examination 2015 has been changed and candidates for IFS Examination 2015 needs to appear in the Indian Civil Service Examination (Preliminary) 2015 for the same. Therefore candidates needs to apply for Indian Civil Service Examination 2015 to appear in Indian Forest Service Examination 2015.

Eligibility:
  • Posts : 110 approx.
  • Age : Not less than 21 years and not more than 32 years as on 1st August 2015. The upper age is relaxable for SC/ST/OBC and certain other categories of candidates to the extent specified in the Notice.
  • Educational Qualification: Bachelor's degree of any recognised university with at least one of the subjects namely Animal Husbandry and Veterinary Science, Botany, Chemistry, Geology, Mathematics, Physics, Statistics and Zoology or a Bachelor's degree in Agriculture, Forestry or in Engineering or an equivalent qualification.
  • Physical Standards: Candidates must be physically fit according to the Regulations given in notice.
  • Number of attempts: The maximum number of attempts permissible to different categories of aspirants, who are otherwise eligible, will be as (i) General Category - 6 attempts, (ii) OBC - 9 attempts (iii) SC/ST - No limit
Fee: Candidates applying (excepting Female/SC/ST/PH candidates who are exempted from payment of fee) for Civil Services (Preliminary) Examination are required to pay a fee of Rs.100/- either by depositing the money in any Branch of SBI by cash, or by using net banking facility of SBI, State Bank of Bikaner & Jaipur/State Bank of Hyderabad/State Bank of Mysore/State Bank of Patiala/ State Bank of Travancore or by using Visa/ Master Credit/ Debit card.
How To Apply: All applications must apply Online from 23/05/2015 to 19/06/2015 only upto 11.59 PM. at http://upsconline.nic.in/mainmenu2.php. Details of the examination and instructions are available at UPSC Online website at Guidelines to the Candidates --> http://upsconline.nic.in/mainmenu2.php

 Candidates can obtain details of the examination and can get information about registration of their applications, venues of the examination and syllabus etc at the website of the UPSC at http://www.upsc.gov.in/exams/notifications/2015/IFS_2015/IFS_2015_eng.pdf

Recruitment in Kendriya Vidyalaya Sangathan for Teachers Officers and other posts last date 22nd June 2015


Recruitment in Kendriya Vidyalaya Sangathan for Teachers Officers and other posts last date 22nd June 2015

Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS)  - Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS), henceforth mentioned as KVS, an autonomous organization under the Ministry of Human Resource Development, Government of India invites Online applications from Indian Citizens for recruitment to the Teachers, Officers’ Cadre and Non-Teaching posts for the year 2014-15 and 2015-16. :

Vice Principal : 30 posts, Pay Scale : Rs. 15600-39100 Grade Pay Rs.5400, Age : 35-45 years
 
 FinanceOfficer : 01 post, Pay Scale : Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs.4600, Age : 35 years
   
Assistant : 75 posts, Pay Scale : Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs.4200, Age : 35 years
   
Upper Division Clerk : 153 posts, Pay Scale : Rs. 5200-20200 Grade Pay Rs.2400, Age : 30 years
   
Lower Division Clerk : 312 posts, Pay Scale : Rs. 5200-20200 Grade Pay Rs.1900, Age : 18 - 27 years
   
Hindi Translator : 05 posts, Pay Scale :  Rs. 9300-34800 Grade Pay Rs.4200, Age : 28 years
   
Stenographer Grade-II : 08 posts, Pay Scale : Rs. 5200-20200 Grade Pay Rs.2400, Age : 27 years
   
Assistant Editor : 01 post, Pay Scale :  9300-34800 Grade Pay Rs. 4600, Age : 35 years

Teaching Posts :


Post Graduate Teacher (PGT) : 387 posts in various subjects, Pay Scale :  9300-34800 Grade Pay Rs. 4800, Age : 40 years
   
Trained  Graduate Teacher (TGT) : 391 posts in various subjects, Pay Scale :  9300-34800 Grade Pay Rs. 4600, Age : 35 years
   
Trained  Graduate Teacher (TGT) Physical Education : 117 posts, Pay Scale :  9300 - 34800 Grade Pay Rs. 4600, Age : 35 years
   
Trained  Graduate Teacher (TGT) AE : 60 posts, Pay Scale :  9300 - 34800 Grade Pay Rs. 4600, Age : 35 years
   
Trained  Graduate Teacher (TGT) WE : 86 posts, Pay Scale :  9300 - 34800 Grade Pay Rs. 4600, Age : 35 years 
   
Librarian : 74 posts, Pay Scale :  9300 - 34800 Grade Pay Rs. 4600, Age : 35 years 
   
Primary Teacher (PRT) : 2560 posts, Pay Scale :  9300 - 34800 Grade Pay Rs. 4200, Age : 30 years
   
Primary Teacher (PRT) Music : 73 posts, Pay Scale :  9300 - 34800 Grade Pay Rs. 4200, Age : 30 years  


Application Fee : Rs. 1200/- for the posts of Vice Principal and Technical Officer  750/- for the posts of Assistant, UDC, LDC, Hindi Translator and Stenographer Grade II through Credit/ Debit Card (Master / Visa). No fee for SC/ST/PWD and Ex-Serviceman. 

How to Apply : Apply online at KVC website from 23/05/2015 to 22/06/2015 only.  

Please visit http://www.jobapply.in/KVS2015/ for all the information like details of vacancies, instructions, exam schedule and Syllabus etc. and challan slip and a link to the online submission of application. 

आईआईटी कानपुर में विभिन्न गैर शिक्षण पदों के लिए आवेदन आमंत्रित Job posts in IIT Kanpur last date 7th July 2015



आईआईटी कानपुर में विभिन्न गैर शिक्षण पदों के लिए आवेदन आमंत्रित : Last date 07/07/2015
 

Job posts in IIT Kanpur last date 7th July 2015
Vacancies in Administrative and Technical Cadre  
Indian Institute of Technology (IIT) Kanpur - IIT Kanpur invites online applications for the following posts on Regular/ Deputation basis on contract basis :






  1. Registrar : 01 post
  2. Head, Health Centre : 01 post
  3. Executive Engineers : 02 posts
  4. Medical Officer : 03 posts
  5. Assistant Registrar : 02 posts
  6.  Student's Counselor : 01 post
  7. Principal : 01 post
  8. Assistant Engineer : 01 post
  9. Tech. Superintendent : 01 post
  10. Assistant Security Officer : 02 posts
  11.  Junior Engineer : 01 post
  12. Jr. Tech. Superintendent : 13 posts
  13. Jr. Superintendent : 10 posts
  14. Sr. Lab Information Assistant : 01 post
  15.  Physiotherapist : 01 post
  16. Junior Assistant : 15 posts
  17. Junior Assistant (Library) : 01 post
  18. Junior Technician : 11 posts
How to Apply : Apply Online at IIT Kanpur on or before 30/06/2015.

For further information and online application form, kindly visit http://www.iitk.ac.in/new/vacancies-in-administrative-and-technical-cadre

भारतीय तटरक्षक बल में अधिकारी भर्ती Officers recruitment in Indian Coast Guard last date 10th June 2015



Officers recruitment in Indian Coast Guard last date 10th June 2015
Join Indian Coast Guard as an Officer for - 01/2016 Batch
Indian Coast Guard - The Indian Coast Guard, offers a challanging career to unmarried, young and dynamic graduates as General Duty Officers, Pilots and Engineers as Group 'A' Gazetted Officers. Preliminary Selection will be held at Mumbai / Chennai / Kolkata / Noida.  :


  1. General Duty (GD) Men
  2. General Duty (Pilot) Men
  3. General Duty (Navigator or Observer) Men
  4. General Duty Technical Branch (Mechanical, Aeronautical, Electrical / Electronics)  Men 
Short Service Appointments - Short Service Appointments for a period of 08 years, extendable to 10 years and 14 years 
  1. General Duty (Pilot (CPL Holders)) Men and Women
  2. General Duty Women
How to Apply : Apply Online at Coast Guard Recruitment website at  http://joinindiancoastguard.gov.in/Default.aspx from  01/06/2015 to  10/06/2015 only.

Please view http://joinindiancoastguard.gov.in/PDF/Advertisement/ASSTCOMDT_%20ADVT%2001-2016.pdf  for more  details and apply online at http://joinindiancoastguard.gov.in/Default.aspx

Tuesday, 2 June 2015

यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है आजमाएं ये आसान सी टिप्स



यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो प्रतिदिन तीन दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे। जुकाम होने पर कालीमिर्च के चार-पांच दाने पीसकर एक कप दूध में पकाकर सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है। एक चम्मच शहद में 2-3 बारीक कुटी हुई कालीमिर्च और एक चुटकी हल्दी पाउडर मिलाकर लेने से कफ में राहत मिलती है। इससे शरीर की थकावट दूर होती है। कालीमिर्च से गले की खराश दूर होती है। इससे रक्त संचार सुधरता है।यह दिमाग के लिए फायदेमंद होती है। गैस के कारण पेट फूलने पर कालीमिर्च असरदार होती है। इससे गैस दूर होती है। कालीमिर्च की चाय पीने से सर्दी-ज़ुकाम, खाँसी और वायरल इंफेक्शन में राहत मिलती है। कालीमिर्च पाचनक्रिया में सहायक होती है। कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
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क्यों जरुरी है पति बनने के बाद पुरुषों को ये 7 चीजें छोड़ना

लड़के लड़के ही रहते हैं! परन्तु शादी का अनुभव प्रत्येक व्यक्ति के लिए जीवन में बदलाव का अनुभव होता है। कुवारेंपन की अवस्था से शादीशुदा ज़िन्दगी में जीना अनेक पुरुषों और उनकी पत्नियों के लिए कठिन हो सकता है। आपको इस बात का एहसास भी नहीं होगा कि जो कोई चीज़ जो आपके लिए तुच्छ है वह आपकी पत्नी के लिए उतनी तुच्छ नहीं है।

अत: अपने इस नए प्यार को निरुत्साहित होने से बचाने के लिए यह अच्छा होगा कि आप स्वीकार कर लें तथा मान लें कि आप अब कुंवारे नहीं हैं। यहाँ कुछ आदतें बताई गयी हैं जिन पर पति बनने से पहले आपको विचार करना चाहिए।

1) चाबियों और मोजों का ध्यान रखना
प्रत्येक महिला यह चाहती है कि उसका पति ज़िम्मेदार हो। अत: अपनी मूलभूत वस्तुओं का ध्यान रखें। प्रत्येक छोटी बात पर अपनी पत्नी को बुलाने के स्थान पर आप स्वयं अपने अपने मोजों, चाबियों, पर्स और घड़ी का ध्यान रखें। यदि आप इन छोटी छोटी बातों के प्रति ज़िम्मेदार हो जायेंगे तो आपकी पत्नी आपकी तारीफ़ करेगी।

2) स्पोर्ट्स और वीडियो गेम्स में जुटे रहना
यदि काम से वापस आने के बाद आप टी. वी. या गेम्स खेलने में व्यस्त हो जाते हैं तो इस आदत को अवश्य छोड़ दें। अब आपको एक पति की तरह बेडरूम के गेम्स के बारे में सोचना चाहिए न कि वीडियो गेम्स के बारे में। यदि आप अपने टी. वी. के साथ रात बिताना नहीं चाहते तो अपनी पत्नी की तरफ ध्यान दें।

3) मित्रों के साथ अधिक समय बिताना
यदि आप कभी कभार अपने मित्रों के साथ घूमने जाते हैं तो आपकी पत्नी बुरा नहीं मानेगी। परन्तु यदि आपके मित्र आपके खाली समय का अधिकाँश हिस्सा ले लेते हैं तो इससे आपकी पत्नी को जलन हो सकती है तथा वह खीझ सकती है। अत: शादी के बाद अपने मित्रों के साथ बिताये जाने वाले समय की मात्रा को कम कर दें। या कभी कपल्स गेट टुगेदर कार्यक्रम बनायें जहाँ आपकी पत्नी आपके ग्रुप का एक हिस्सा हो। वह आपके मित्रों से मिलना पसंद करेगी तथा साथ ही साथ वह आपके साथ समय भी बिता सकेगी

4) घर को फैलाना बंद करें
शादी के बाद पलंग पर गीले तौलिये से लेकर आपकी गंदी टी शर्ट ड्रेसिंग टेबल पर रखना बिलकुल बंद करें। अपने बेडरूम का उपयोग अलमारी या लॉन्ड्री की तरह करना बंद करें। साथ मिलकर काम करें तथा अपनी चीज़ें अपने स्थान पर रखना सीखें। अधिकाँश महिलाओं को सफ़ाई पसंद होती है तथा यदि आपकी पत्नी भी उनमें से एक है तो निश्चित तौर पर आगे का समय आपके लिए कठिन होगा।

5) आपका घर रेस्टारेंट नहीं है
आपकी पत्नी आपके घर की कुक या वेटर नहीं है। वह दिन भर आके घर के काम करने और आपको खाना परोसने के लिए नहीं आई है। इसलिए उठें और उसकी मदद करें! इसके अलावा यदि आपको बिस्तर पर बैठकर बियर पीने और साथ में कुछ खाने की आदत है तो अब इस आदत को छोड़ने का समय आ गया है। जिस बिस्तर पर पत्नी आपके साथ होती है उस पर बियर और खाने के दाग उसे अच्छे नहीं लगेंगे

6) हमेशा लड़कों की तरह बात करना
समय के साथ आपकी पत्नी आपकी सबसे अच्छी मित्र बन जाती है। परन्तफिर भी यदि आप पूरे समय लड़कों वाली बातें ही करते रहेंगे तो उसे भी यह पसंद नहीं आएगा। आपके प्रिय खेल, हाल ही हुआ मैच, शेयर मार्केट की कीमत या रैम्बो आदि विषयों पर बात करना कम करें। यदि आपकी पत्नी इन विषयों पर बात करना पसंद नहीं है तो ऐसी बातें उसका मूड ख़राब कर सकती हैं।

7) दूसरी औरतों की तरफ देखना
यह आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। यदि आप अपने पास से गुजरने वाली किसी महिला की सुन्दरता की तारीफ़ करते हैं तो आपकी पत्नी को यह पसंद नहीं आएगा। याद रखें कि आपकी ज़िन्दगी में अब एक औरत है जो यह चाहती है कि आपकी आँखें सिर्फ उसे ही देखें। अत: दूसरी औरतों की ओर देखने की अपनी इच्छा पर नियंत्रण रखें।

अपने बैग में जरुर रखें ये 6 मेकअप प्रोडक्‍ट



 अगर आप सोंचती हैं कि हर वक्‍त अच्‍छा दिखना आपके लिये संभव नहीं है , तो इस बात पर ज़रा फिर से विचार कर लें। हम हमेशा सैलून वाला लुक ले कर नहीं चल सकते लेकिन खुद को बुरा भी नहीं दिखा सकते। अगर आप जॉब करती हैं और ऑफिस के बाद आपको किसे मिलने जाना होता है या पार्टी आदि अटेंड करनी पड़ती है तो, उस दौरान अपने पर्स में हमेशा कुछ जरुरी मेकअप प्रोडक्‍ट रखने चाहिये।

 कई लड़कियों की आदत होती है कि वह अपने बैग में ढेर सारा बेकार का मेकअप प्रोडक्‍ट ले कर चलेंगी तो किसी की आदत होती है कि वह अपने बैग को बिल्‍कुल खाली रखेंगी। दोनों ही चीज़ें बुरी हैं। आइये जानते हैं अपने पर्स में लड़कियों को कौन से जरुरी मेकअप प्रोडक्‍ट रखने चाहिये।

1) BB Cream :-
हर प्रकार की त्‍वचा के लिये अलग अलग रंगों में आने वाली बी बी क्रीम चेहरे से दाग धब्‍बे हटा कर चेहरे को पूरा कवरेज देने में मदद करती है। यह एक छोटी ट्यूब में आती है इसलिये बैग में यह ज्‍यादा स्‍पेस नहीं लेगी। कहीं भी जाना हो, तुरंत बैग से बीबी क्रीम निकालिये और लगाइये।

2) प्रेस्‍ड पाउडर : (Pressed Powder) –
अपने चेहरे से ऑयल हटाना हो तो, प्रेस्‍ड पाउडर का प्रयोग करें। इससे आप टच अप दे सकती हैं, जिससे चेहरे पर मेट लुक आ जाएगा।

3) लिपस्‍टिक ( Lipstick ) :-
आपको नहीं पता कि आप को कब और किससे मिलना पड़ सकता है। इसलिये हमेशा तैयार दिखें। अपने पर्स में हमेशा अपने फेवरेट कलर का लिप ग्‍लॉस या लिपस्‍टिक रखें।

4) आईलैश कर्ल ( Eye – shadow ):-
अगर आप मस्‍कारा नहीं लगाती हैं तो अपने पर्स में आईलैश कर्ल संभाल कर रखें। इससे आंखों में एक नीट लुक आएगा और आप प्राकृतिक रूप से ही सुंदर दिखेंगी।

5) काजल ( Kajal ):-
काजल लगाने से चेहरे पर अच्‍छा निखार आ जाता है। इससे आप की आंखें थकान भरी नहीं लगतीं।

6) परफ्यूम ( Perfume ) :-
पार्टी के लिये आपको अच्‍छा महकना जरुरी है। बैग में हमेशा एक छोटी बॉटल परफ्यूम

अपने मिस्‍टर परफेक्‍ट को जानने के 10 तरीके



हर लड़की हमेशा अपने मिस्‍टर परफेक्‍ट को लेकर टेन्‍शन में रहती है कि क्‍या वो उसे वाकई में प्‍यार करता है, क्‍या वो उसे धोखा तो नहीं दे रहा है या फिर कहीं उसे किसी और से प्‍यार तो नहीं। अगर आप भी अपने पार्टनर को लेकर हमेशा इस टेन्‍शन में रहती है तो कुछ तरीकों से जान सकती है कि वह सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही हैं।
1) आपको खुश करने के लिए फन करना
जब आप रोती है तो उन्‍हे अच्‍छा नहीं लगता है और वह आपको खुश करने के लिए मजेदार बातें करते है, हर वो काम करते है जिससे आपके चेहरे पर मुस्‍कान आ जाएं। आप दोनों एक दूसरे को चिढ़ाते है और अच्‍छा टाइम स्‍पेंड करते है तो वह आपके लिए सही है।
2) लाइफ में आपके साथ सेट होना चाहें
आपकी जो भी पसंद हो वही उनकी भी हो। जिदंगी से आप जो चाहती है वही वह भी चाहता हो, तो आप दोनों सेट है। लाइफस्‍टाइल से लेकर शौक तक अगर आप दोनों के मैच करते है तो वह आपके लिए परफेक्‍ट है।
3) बिना मेकअप के आपको देखना पसंद करें
अगर कोई व्‍यक्ति आपको दिल से प्‍यार नहीं करता होगा तो उसे आप हमेशा टिप-टॉप ही पसंद आएगी, अच्‍छी ड्रेस, प्रिटी मेकअप में ही वह आपको कहीं भी साथ ले जाने और दूसरों से मिलवाने के लिए राजी होगा, लेकिन जो आपको दिल से पसंद करेगा वह आपको नेचुरल तरीके से ही देखना पसंद करेगी, बिना ग्‍लैमरस व्‍यू के, बिना मेकअप के, अब आपके पार्टनर क्‍या चाहते है वो पता कर लीजिए।
4) आप उसकी दिक्‍कतें जानती है पर पसंद करती है
कोई भी व्‍यक्ति कभी पूरी तरह से परफेक्‍ट नहीं होता है, उसमें कुछ न कुछ कमी होती है, वो भी एक नॉर्मल ह्यूमन वीईंग है, उसे भी कई दिक्‍कतें हो सकती है, लेकिन अगर उसे बाद भी आप उनके साथ मूव ऑन करने को तैयार है और वो भी आपके साथ रहना पसंद करते है तो आप दोनों का एक साथ होना सही निर्णय है।
5) आप जो भी करें, वो आपको हैंडल कर लेते है
मान लीजिए कि आप अपनी जॉब के काम से कहीं बाहर जाना चाहती है आपके आपको किसी स्‍पेशल काम से कहीं जाना है तो वह कभी भी रोकते-टोकते नहीं है, आपका पूरा ख्‍याल रखते है और आपको सर्पोट करते है। वह आपके सपनों को अपना सपना मानते है, आपको हर काम के लिए सर्पोट करते है और सही राय देते है तो समझिए कि वह सिर्फ आपके लिए डेडीकेटेड है।
6) आप उन पर पूरा भरोसा करती है
कई बार पिछले रिलेशन में धोखा खाने की वजह से आप भरोसा करना छोड़ देती है लेकिन अगर आपका पार्टनर आप दोनों के रिश्‍ते में फिर से उस चार्म और कनेक्‍शन को जोड़ने में सफल हो जाता है और आप उन पर भरोसा करने लगती है तो समझ जाइए कि वह आपके लिए सही है।
7) यहां तक कि आपके पापा भी उसे पसंद करते है
आपके पार्टनर का नेचर इतना प्‍यारा है कि आपके पापा भी किसी डिसीजन को लेने से पहले उनकी सलाह चाहते है, आपके बेस्‍ट फ्रैंड भी उन्‍हे अपना बेस्‍ट फ्रैंड मानने लगे है और आपको डॉगी भी उससे बहुत फैमीलियर हो गया है।
8) हर सुबह आप उसके प्‍यार को महसूस और वो आपके प्‍यार को महसूस करके जागता है
अगर आप सुबह-सुबह किसी को महसूस करके जागती है और वह भी ठीक उसी फीलिंग के साथ जागते है तो समझिए कि आप दोनों मेड फॉर इच अदर है। अगर आपका पार्टनर कितनी भी दिक्‍कत या परेशानी में हो और आपसे बात करके रिलैक्‍स हो जाएगा तो समझ लेना कि वह सिर्फ आपसे प्‍यार करते है।
9) वह आपके साथ कम्‍फर्ट है
आप जिन्‍हे पसंद करती है अगर वह आपके साथ हर तरीके से कम्‍फर्ट है तो समझ लें कि वो आपके मिस्‍टर राइट है। अगर आपकी लाइफ में उनके आने के बाद आपको किसी और की जरूरत ही महसूस नहीं होती है तो वह सही मायने में आपके साथी है।
10) कोई घटना ऐसी हो
जिन्‍दगी में कई ऐसी घटनाएं होती है जो अपने आप बयां कर देती है कि वह सिर्फ और सिर्फ आपके लिए बने है और आपको ही प्‍यार करते है।

स्वस्थ हृदय के लिए खाएं डार्क चॉकलेट



चॉकलेट का नाम सुनकर क्या आपके मुंह में भी पानी भर आया है? तो आप जाकर चॉकलेट का मजा ले सकते हैं, क्योंकि चॉकलेट सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं होते, बल्कि आपके हृदय के लिए स्वास्थ्यप्रद भी होते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि डॉर्क चॉकलेट के सेवन से ऑग्मेंटेशन इंडेक्स (धमनी स्वास्थ्य का मुख्य कारक) नियंत्रण में रहता है और यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर श्वेत रक्त कोशिकाओं को जमने नहीं देती है।

》 Dark chocolate
डार्क चॉकलेट धमनियों को लचीला बनाता है और रक्तवाहिनी नलिकाओं की दीवारों पर श्वेत रक्तकोशिकाओं को जमने से रोकती है।

धमनी के सख्त होने और उनकी दीवारों पर श्वेत रक्त कोशिका के जमाव से एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
नीदरलैंड की वेजेनिंगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डेडरिक इजर ने बताया, “शोध में चॉकलेट सेवन से धमनियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का साफ पता चलता है और चॉकलेट में मौजूद फ्लेवनोल सामग्री का धमनियों के स्वास्थ पर कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ता है।”

सिर से ले कर पैरों तक की सभी बीमारियां दूर करे नौकासन



● नौका आसन यानी नाव के समान मुद्रा। पीठ एवं मेरूदंड को लचीला व मजबूत बनाये रखने के लिए नौकासन का अभ्यास काफी लाभदायक होता है। यह आसन ध्यान और आत्मबल को बढ़ाने में भी कारगर होता है। कंधों एवं कमर के लिए भी यह व्यायाम फायदेमंद है। शरीर को सुडौल बनाये रखने के लिए भी यह आसन बहुत ही लाभदायक होता है।
इससे पाचन क्रिया, छोटी-बड़ी आँत में लाभ मिलता है। अँगूठे से अँगुलियों तक खिंचाव होने के कारण शुद्ध रक्त तीव्र गति से प्रवाहित होता है, जिससे काया निरोगी बनी रहती है। हर्निया रोग में भी यह आसन लाभदायक माना गया है। निद्रा अधिक आती हो तो उसे नियंत्रित करने मे ये नौका आसन सहायक है

》 नौकासन करने की विधि –
सबसे पहले शवासन की स्थिति में लेट जाएँ। फिर एड़ी-पंजे मिलाते हुए दोनों हाथ कमर से सटा कर रखें। हथेलियाँ जमीन पर तथा गर्दन को सीधी रखते हैं। अब दोनों पैर, गर्दन और हाथों को धीरे-धीरे एक साथ उपर की ओर उठाते हैं। आखिर में अपने पूरे शरीर का वजन नितंब के ऊपर रख दें। इस स्थिति में 30-40 सेकंड रुकने का प्रयास करें। फिर धीरे-धीरे पुन: उसी अवस्था में आ कर शवासन की अवस्था में लेट जाएँ। इस आसन को चार पांच बार करें।

● नोट:- विशेष लाभ हेतु – आसन करते समय अपना गुरुमंत्र का जप करें। यदि दुर्भाग्य से गुरुमंत्र नहीं मिला है तो ॐ नमः शिवाय मंत्र का ही जप करें। अथवा जो भी मन्त्र मन को भाता हो, आसन के साथ – साथ उसीका जप करें।
 
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