TRENDING

Monday, 11 May 2015

एक चमत्कारयुक्त वनस्पति है एलो वेरा ( ग्वारपाठा)



एलो वेरा ( ग्वारपाठा) एक चमत्कारयुक्त वनस्पति

किसी ने सच ही कहा है स्वास्थ्य ही धन है | वास्तव में बगैर अच्छे स्वास्थ्य के कुछ भी ठीक नहीं लगता | अच्छा स्वास्थ्य पाना मुश्किल नहीं है बस जरुरत है संयमित और अनुशासित जीवन व्यतीत करने की | मनुष्य को इसके महत्व को समझना आज समय की आवश्यकता बन गई है | बेहतर स्वास्थ्य हम किस प्रकार से पा सकते है और क्या कोई ऐसा आयुर्वेदिक वनस्पति है जिसका सेवन मात्र से हम चुस्त-दुरुस्त रह सकते है

घी ग्वार जिसे ग्वारपाठा भी कहते है , अपने देश में ही नहीं अपितु दुनिया के प्रत्येक देश में इसकी पैदावार होती है | इसके रस को सुखाकर भरी मात्रा में एक पदार्थ बनाया जाता है, जिसे आमतौर पर मुसब्बर कहा जाता है और संस्कृत में कुमारी रस हिंदी में एल्बा कहते है |

भाषा और क्षेत्र के आधार पर इनके अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे- संस्कृत में घृतकुमारी, हिंदी में घी गुवार, घृतकुमारी, मराठी में, कोरफड, कोरकांड, गुजरती में कुंवार्पथा, बंगला में घृत कोमरी, तेलगु में चित्रकट बांदा, कलबंद, तमिल में चिरुली, कतालै , चिरुकतारें, मलयालम में कुमारी, कन्नड़ में लोलिसार, फारसी में दरख्ते सिब्र, अंग्रेजी में एलो, लेटिन में एलोवेरा |

ग्वारपाठा के गुणधर्म के बारे में तो हजारों साल से प्रायः दुनिया के प्रत्येक धर्मग्रंथ और पौराणिक किताबे में चर्चा की गई है |

कहीं इसे घर का वैद्य, कहीं इसे भुत भगाओ पौधा, तो कहीं इसे संजीवनी लता, तो कहीं इसे घरों के गमले में रखने से घर को प्रदूषित रहित बनाने आदि अनेक प्रकार के काम के लिए मनुष्य इसे अपने जीवन में उपयोग कर रहे है | वैसे एलोवेरा मानव शरीर के लिए सम्पूर्ण पौष्टिक आहार है |

इसका सेवन से शरीर में शीतलता, नेत्रों के लिए हितकारी,बलवीर्यवर्धक, पलीहा व यकृत के विकार, अंड वृद्धि, रक्तविकार, त्वचा रोग, आंत सम्बंधित रोग आदि अनेक प्रकार के विकारों को दूर करने में बहुत ही उपयोगी औषधि का काम करता है |

इस पौधे के पते ही होते है जो जमीन से ही निकलते है, यह २ से ३ फिट लम्बे और ३ से ४ इंच चौड़े होते है जिनके दोनों तरफ नुकीली कांटे होते है | इनके पते गहरे हरे रंग के मोटे, चिकने और गूदेदार होते है | जिन्हें काटने या छिलने पर घी जैसे गुदा ( जेल ) निकलता है | इसीलिए इस पौधे को घृतकुमारी व घी ग्वार भी कहा जाता है |

वैसे इसका प्रयोग कई प्रकार के रोगों की चिकित्सा में किया जाता है जिसके वर्णन निचे दिया जा रहा है :-

फोड़ा व गाँठ :- इसके पतों का गुदा करके जरा सी पीसी हल्दी मिलकर पुल्टिस तैयार करें और गांठ,फोड़े पर रखकर पट्टी बांध दे | फोड़ा पक कर स्वतः फुट जायेगा और मवाद निकल जायेगा |

जले हुए स्थान पर तुरंत इसके गुदे का लेप कर देने से जलन शांत होती है और फफोले नहीं पड़ते है | शहद के साथ मिलकर जेल का प्रयोग करने से जले का निशान भी चला जाता है |

कान दर्द में इसके गुदे का रस को आंच पर गर्म कर जो आराम से सहन कर सके जिस कान में दर्द हो उसकी दूसरी तरफ के कान में दो बूंद रस डालने से कान दर्द ठीक होता है |

सिरदर्द के लिए इसके जेल को सर लगाने से सिरदर्द दूर होता है |

बवासीर रोगीं के लिए तो यह रामबाण औषधि है | इसकी सब्जी बनाकर खाने से लाभ होता है और इसका रस पिने से पेट ठीक रहेगा |

गठिया रोगों में इसके दो फांक कर इसमें हल्दी भरकर हल्का गर्म करें और प्रभावित भाग पर लगातार पट्टी करने से गठिया, जोड़ो में दर्द,मोच या सुजन में विशेष लाभ होता है |

जोड़ो के दर्द में एलोवेरा जूस का सेवन सुबह-शाम खली पेट करें और प्रभावित जोड़ो पर लगाने से विशेष फायदा होता है |

कब्ज़ में रोज एलो वेरा जूस का सेवन करें बहुत ज्यादा फायदा होगा

यकृत की सुजन में इसके गुदे का सुबह-शाम सेवन से यकृत की कार्यक्षमता बढती है वो पीलिया रोग दूर होता है |

छोटे बच्चों के कब्ज़ के लिए जूस व हिंग मिलकर नाभि के चरों और लगा दे ,इससे लाभ मिलेगा |

गुदा का सेवन खली पेट करने से यदि मलेरिया का प्रकोप बार-बार होता है तो ठीक होता है |

त्वचा सम्बंधित रोगों में इसका महत्वपुर भूमिका है | एलोवेरा का प्रयोग बहुतायत से सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में प्रयोग किया जाता है, एलो वेरा जेल चेहरे पर लगाने से चेहरे पर कांटी आभा व मुहांसे, झाइयाँ दूर होती है | इसके बाहरी प्रयोग से त्वचा में निखार आती है |

बालों के लिए भी इसके जूस को सिर में लगाने से बाल मुलायम, घने, काले व बालो का झाड़ना बंद होता है | अगर बाल जड़ चूका है तो इसका रस नियमित सिर पर लगाते रहने से नए उगने लगते है |

यह रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूती प्रदान करती है | इसका सेवन से बुढ़ापा समय से पहले नहीं आता |

ह्रदय रोग होने का मुख्य कारण मोटापा कोलेस्ट्रोल का बढ़ना और रक्तवाहिनियों में वसा का जमाव होना है | ऐसी स्थिति में इसका जूस बेहद फायदेमंद है |

अतः यह औषधि बहुमूल्य है ,इसमें गुणों का भंडार है इस औषधि के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जानी चाहिए |

Post a Comment

 
Back To Top